धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु का उल्लेख करने के लिए पुण्डरीकाक्ष का इस्तेमाल किया जाता है। आइये जानते हैं इसके जाप से क्या फायदे होते हैं।
भगवान विष्णु जल के भी देवता हैं। ऐसे में अगर स्नान करते हुए पुण्डरीकाक्ष स्त्रोत का जाप किया जाए तो श्री हरि आपको सभी सांसारिक पापों से मुक्त कर देते हैं।
पुण्डरीकाक्ष स्तोत्र के जाप से मां लक्ष्मी का आर्शिवाद भी प्राप्त होता है। धन की देवी अगर प्रसन्न हो जायें तो जीवन में आर्थिक चुनौतियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
नमस्ते पुण्डरीकाक्ष नमस्ते मधुसूदन। नमस्ते सर्वलोकेश नमस्ते तिग्मचक्रिणे।। विश्वमूर्तिं महाबाहुं वरदं सर्वतेजसम्। नमामि विद्या पुण्डरीकाक्षं विद्यात्मकं विभुम्।।
पुण्डरीकाक्ष स्तोत्र
आदिदेवं महादेवं वेदवेदाङ्गपरागम। महत्वं सर्वदेवानां नमामि मधुसूदनम्।। विश्वमूर्तिं महामूर्तिं विद्यामूर्तिं त्रिमूर्तिकम्। कवचं सर्वदेवानां नमस्ये वरिजेक्षणम्।।
सहस्त्रशीर्षिणं देवं सहस्त्राक्षं महाभुजम्। जगतसंव्याप्य तिष्ठन्तं नमस्ये भगवानम्।। शरण्यं शरणं देवं विष्णुं जिष्णुं सनातनम् निकेलेघप्रतीकाशं नमस्यै चक्रपाणिनम्।।
शुद्धं सर्वगतं नित्यं व्योमरूपं सनातनम्। भावाभावविनिर्मुक्तं मास्ये सर्वगं हरिम्।। नान्यत् किंचित् प्रापश्यामि व्यतिरक्तं त्वयाऽच्युत। त्वन्मयं च प्रापश्यामि सर्वमेतच्चराचरम्।