हिंदू धर्म में नियमित रूप से देवी-देवताओं की पूजा का महत्व है। लेकिन गलत समय पर की गयी पूजा अधूरी मानी जाती है।
दोपहर बाद पूजा करने के लिए कोई भी शास्त्र समर्थन या अनुमति नहीं देता है।
शास्त्रों में दोपहर के समय पूजा करना निषेध माना गया है। ऐसा करने पर शुभ फल नहीं मिलता है।
दोपहर के बाद जल अर्पण करते हैं तो वह गर्म जल के समान होता है। गर्म जल चढ़ाने से भगवान नाराज होते हैं।
ऐसा करने से उसका उल्टा परिणाम प्राप्त होता है और लोगों को बहुत सारे नुकसान भी उठाने पड़ते हैं।
लोगों को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में ही पूजा करनी चाहिए। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
प्रातः काल पूजा करने से धर्म, कर्म ,धन और मोक्ष चारों फल की प्राप्ति होती है।