यहां गौर गोपाल दास के कुछ प्ररक उद्धरण दिये गये हैं जो आपको अपनी ताकत वापस पाने और कुछ अर्थ खोजने में मदद करेंगे।
अपना जीवन इस तरह जियो कि जो लोग तुम्हें जानते हैं लेकिन ईश्वर को नहीं जानते, वे ईश्वर को जान सकें क्योंकि वे तुम्हें जानते हैं।
चिंता कभी भी कल का दुःख नहीं छीनती, वह केवल आज का आनंद छीन लेती है।
हमारे समय का विरोधाभास यह है कि जिनके पास सबसे अधिक है वे अक्सर सबसे कम संतुष्ट हो सकते हैं।
हमें निराशाजनक परिस्थितियों में भी सकारात्मकता ढूंढनी चाहिए और कृतज्ञता के सिद्धांत के अनुसार जीना चाहिए।
यह अजीब बात है कि तलवार और शब्दों के अक्षर एक जैसे होते हैं। इससे भी अधिक अजीब बात यह है कि अगर इन्हें ठीक से न संभाला जाए तो इनका प्रभाव भी वैसा ही होता है।
किसी में भी गंदगी कोई भी ढूंढ सकता है। वह बनें जो सोना ढूंढे।
जब सब कुछ सही चल रहा हो तो किसी को स्वीकार करना आसान है। लेकिन जब आपके आस-पास चीजें बिखर रही हों और आप एक साथ बने रहें, तो यही रिश्ते की कसौटी होती है।