कुंडली में सूर्य व गुरु मजबूत भाव में हों,इसलिए मंत्रों का उच्चारण लगातार करें।
हर बुधवार के दिन गणपति की पूजा करें।
नियमित रूप से पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें।
नियमित रूप से भगवान हनुमान जी की पूजा करें ।
108 बार ‘ऊं श्री हनुमंते नम:’ मंत्र का जाप करें।
शनिवार के दिन विधिवत तरीके से शनिदेव की पूजा करें।
ब्रह्म मुहूर्त में मंत्रों का उच्चारण जरूर करें।