गौर गोपाल दास का जन्म महाराष्ट्र के बंबोरी शहर में हुआ था। वह संत होने के साथ ही लाइफस्टाइल कोच और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं।
गौर गुरु गोपाल दास ने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।
गौर गोपाल दास ने एक इंटरव्यू में बताया था, जब मैं जॉब कर रहा था तब मुझे अहसास हुआ कि मैं अपना अधिकतर समय जॉब मे बिता रहा हूँ?
फिर मेरे मन में सवाल आने लगे कि क्या मैं सही कर रहा हूँ? क्या मैं अपने आपसे संतुष्ट हूं? क्या मैं अपने मन की आवाज सुन पा रहा हूँ? बस इसके बाद मैंने संत बनने का फैसला ले लिया था।
एक इंटरव्यू में जब उनसे उनके डेली रूटीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, मेरा दिन रोजाना सुबह 3 या 3.15 बजे से शुरू होता है। अगर कभी फ्लाइट के कारण लेट सोता हूं तो 3.30 से 4 बज जाते हैं।
इसके बाद 7 बजे तक आश्रम में ग्रुप मेडिटेशन होता है, फिर ब्रेकफास्ट करते हैं और फिर कुछ स्प्रिचुअल प्रिंसिपल्स, स्ट्रक्चर्स पर डिस्कशन्स होते हैं।
9 बजे के बाद अपने लिए कुछ समय मिलता है जिसमें हम अपने काम करते हैं। 12 से 12:30 के आसपास लंच होता है और उसके बाद फिर कुछ डिस्कशन्स होते हैं।
इसके बाद शाम को मेडिटेशन और क्लासेस होते हैं और फिर शाम को हल्का खाना खाने के बाद बेड पर जाने से पहले मेडिटेशन करता हूं।