हिंदू धर्म में हवन का विशेष महत्व होता है। पूजा-पाठ, अनुष्ठान या मांगलिक कार्यों में हवन कराने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
हवन पवित्र अग्नि का वह छोटा रूप है जिसमें विशेष सामग्रियों को अग्निकुंड में डालकर मंत्र और जाप के साथ आहुति दी जाती है।
हवन के बाद ही पूजा पूर्ण रूप से संपन्न मानी जाती है। इससे वातावरण तो शुद्ध होता ही है साथ ही घर पर सकारात्मकता भी आती है।
हवन कराने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद आपके परिवार पर बना रहता है। हवन करने से पहले स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है।
ग्रह दोष से पीड़ित व्यक्ति को ग्रह शांति के लिए हवन करने की सलाह दी जाती है। हवन के बाद ब्राह्मणों को भोजन करवा कर दान देना चाहिए।
हवन की अग्नि में जब आहुति डाली जाती है तो उससे निकलने वाले धुएं से पूरा वातावरण शुद्ध हो जाता है और साफ हवा व्यक्ति को प्राप्त होती है।
हवन में प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे कपूर, लौंग, आम की लकड़ी, घी, अक्षत, गोबर के कंडे आदि से हानिकारक जीवाणु नष्ट होते हैं।