काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। यह भगवान शिव को समर्पित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
मंदिर में ज्योतिर्लिंग दो भागों में है। दाहिने भाग में माँ, शक्ति के रूप में विराजमान हैं और दूसरी ओर भगवान शिव वाम रूप में विराजमान है।
मंदिर के ऊपर एक सोने का छत्र है। अगर भक्त इस छत्र के दर्शन करने के बाद कोई भी कामना करते है तो उसकी वो मनोकामना पूरी हो जाती है।
तंत्र की दृष्टि से मंदिर के चार प्रमुख द्वार हैं, जिनका नाम शांति द्वार, कला द्वार, प्रतिष्ठा द्वार और निवृत्ति द्वार। इन चारों द्वारों का तंत्र में अलग ही स्थान है।
भगवान शिव का ज्योतिलिंग गर्भग्रह में ईशान कोण में मौजूद है। इस कोण का मतलब संपूर्ण विद्या और हर कला में परिपूर्ण होना होता है।
औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त करने की कोशिश की थी, उस समय हिंदुओं ने भगवान शिव की मूर्ति को कुएं में छिपा दिया था। यह कुंआ आज भी मंदिर के पास स्थित है।
ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर के दर्शन और गंगा में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। काशी भगवान शिव के त्रिशूल पर विराजती है।