महामृत्युंजय मंत्र - “ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
इस मंत्र का जाप प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। माना जाता है कि ये मंत्र नकारात्मकता को दूर करता है।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। इस मंत्र के प्रभाव से दीर्घायु की प्राप्त होती है।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से भगवान शंकर की कृपा बनी रहती है। इससे जीवन में कभी धन और संपत्ति की कमी नहीं होती है।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। इससे समाज में यश और सम्मान बढ़ने लगता है।
अगर आपका मन अशांत है या फिर आपको किसी प्रकार की अनहोनी का डर सताता है तो महामृत्युंजय मंत्र बहुत उपयोगी है।
महामृत्युंजय मंत्र का जप करने से संतान की प्राप्ति होती है। व्यक्ति कभी भी संतान सुख से वंचित नहीं रहता है।
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से मनुष्य के पास गंभीर बीमीरियां नहीं आती। इस मंत्र से समस्त रोगों का नाश होता है और व्यक्ति निरोगी बना जाता है।