ॐ अपवित्रः पवित्रो जिसका वर्णन वेदों में मिलता है एक बेहद ही प्रमुख मंत्र है। आइये जानते हैं इस मंत्र के जाप से क्या फायदे मिलते हैं।
इस मंत्र के जाप से साधक आध्यात्मिक शुद्धि और पवित्रता को प्राप्त कर सकता है। इस मंत्र के जाप से मोक्ष की भी प्राप्ति की जा सकती है।
हिंदू धर्म में ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तरः शुचिः॥ मंत्र को बहुत खास माना जाता है।
गंगा स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करना बेहद ही लाभकारी सिद्ध होता है। इस मंत्र को आप अपने नित्य जीवन में शामिल कर सकते हैं।
इस मंत्र का अर्थ है कि अगर कोई व्यक्ति अपवित्र हो या पवित्र, विभिन्न स्थितियों में गया हो तो भगवान विष्णु का स्मरण करने से, वह बाहर और अंदर दोनों ही रूप से शुद्ध हो जाता है।
ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र का जाप विभिन्न पूजा, स्नान या आध्यात्मिक अभ्यास के समय किया जाता है। इस मंत्र को आध्यात्मिक शुद्धि और पवित्रता की प्राप्ति के उद्देश्य से प्रयोग किया जाता है।
ॐ अपवित्रः पवित्रो मंत्र को जपने से मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि होती है। यह मंत्र व्यक्ति की आत्मा को उच्चतम सात्त्विकता की ओर ले जाता है।
इस मंत्र के जाप से मानसिक दुख या अशुद्धि दूर होती है। साथ ही इस मंत्र के जाप से आप नई ऊर्जा के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ा सकते हैं।