अगर आप शिवलिंग पूजा के दौरान बेलपत्र चढ़ाती हैं तो इससे भगवान शिव खुश होंगे और आपकी सारी मनोकामना पूरी करेंगे।
मगर बेलपत्र चढ़ाने से पहले आप जान लें कि बेलपत्र कैसा होना चाहिए और कैसे चढ़ाया जाना चाहिए।
बेलपत्र में 3 पत्तियां होती हैं जिसे 1 बेलपत्र ही माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि बेल की पत्तियां कटी फटी न हों।
बेलपत्र में चक्र और वज्र नहीं होना चाहिए। ऐसा पत्तियों को खंडित माना गया है। इन्हें भगवान शिव को नहीं चढ़ाना चाहिए।
भगवान शिव का आर्शीवाद पाने के लिए बेलपत्र की पत्तियां जिस तरफ से चिकनी होती हैं उसी तरफ से शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए।
शिव जी को कभी भी सिर्फ बेलपत्र अर्पण नहीं करें, इसके साथ जल भी जरूर चढ़ाएं। पहले से चढ़ाया हुआ बेलपत्र भी फिर से धोकर चढ़ाया जा सकता है।
बेलपत्र 3 से लेकर 11 दलों तक के होते हैं। ये जितने अधिक पत्र के हों, उतने ही अच्छे माने जाते हैं।