खुदा के करीब लेकर जाने वाले पाक महीने रमजान का इंतजार हर मुस्लिम को बेसब्री से रहता है।रजमान-ए-पाक का महीना इस साल आज यानी 12 मार्च से शुरू हो जाएगा।
सऊदी अरब में जिस दिन रमजान का चांद नजर आता है, उसके अगले दिन भारत में पहला रोजा रखा जाता है। ये पाक महीना ईद-उल-फितर के साथ पूरा होता है।
यह महीना मुस्लिमों के लिए बेहद खास होता है। इस दौरान लोग अनुशासन का पालन करते हैं और बिना कुछ खाए-पिए रोजा रखते हैं।
रोजा शुरू करने से पहले सहरी खाते हैं और शाम को सूरज डूबने के बाद रोजा खोलने के लिए इफ्तार किया जाता है।
रमजान के 30 दिन के रोजों को तीन अशरों में बांटा गया है। पहले 10 दिन रहमत के, दूसरे 10 दिन बरकत के और आखिर 10 दिन मगफिरत के कहे जाते हैं।
रमजान के महीने में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। इस दौरान मुस्लिम लोग रोजा रखकर पूरे दिन अल्लाह की इबादत करते हैं।
रमजान में सभी मुस्लिम लोगों को रोजा रखना अनिवार्य माना जाता है। हालांकि बच्चों और शारीरिक रूप से अस्वस्थ लोगों को रोजा रखने के लिए छूट दी गई है।
इस पाक महीने में जकात यानी दान देना जरूरी माना जाता है। जकात में व्यक्ति को अपनी साल भर की कमाई का ढाई फीसदी हिस्सा जरूरतमंदों को दान करना होता है।