किसी साधना को करने के लिए नियम महत्वपूर्ण हैं। यदि आप गृहस्थ या विधार्थी हैं और समाज में रहते हैं तो आपको इन नियमों का पालन करना चाहिए।
साधना की शुरुआत में एक मंगल गुरु मंत्र की खोज करें और अपने गुरु से साधना को सफल बनाने के लिए निवेदन करें फिर से साधना जप शुरू करें।
साधना करते समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और वो भी एक बार। इस दौरान मांस, लहसुन और प्याज का सेवन नहीं किया जाता है।
साधना काल में भूमि शयन को प्राथमिकता दी जाती है। भूमि पर किसी प्रकार का बिछोना बिछाकर सोया जा सकता है।
आपको पूजा कक्ष या साधना कक्ष को साफ और कीड़ों से मुक्त रखना चाहिए। इसे रोज साफ करें। साधना से पहले स्नान करना जरूरी है।
साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है। एकांत समय व्यतीत करे और आत्म मंथन करते रहे ताकि आपका मन न भटके।
साधना काल के दौरान आप सिनेमा नहीं देख सकते है ना ही किसी पार्टी या रंग मंच में जा सकते है। इस दौरान बाहरी कार्य को जितना हो सके कम से कम करें।
साधना के समय शांत बने रहें और किसी भी तरह के असभ्य उपदेश का प्रयोग ना करें। साधना के दौरान कम से कम बोलें और झूठ बोलने से बचें।