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Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी पर राधा-कृष्ण की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त, जानें धार्मिक महत्व और संदेश

Radha Ashtami 2025: राधा अष्टमी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। राधा रानी के जन्मदिन पर विशेष पूजा का महत्व है जो जीवन के कष्टों को दूर करती है।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Radha Ashtami 2025: हिंदू धर्म में राधा अष्टमी का खास महत्व है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन को राधा रानी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इसे राधा जयंती भी कहते हैं। इस दिन राधा रानी और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विशेष रूप से की जाती है। माना जाता है कि राधा जी की पूजा करने से भक्तों को शुभ फल प्राप्त होते हैं और उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

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शुभ मुहूर्त जानकारी (Shubh Muhurt Jankari)

तिथि शुरुआत – 30 अगस्त, सुबह 06:02 बजे

तिथि समाप्ति – 31 अगस्त, सुबह 07:30 बजे

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ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04:15 बजे से 04:55 बजे तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02:25 बजे से 03:15 बजे तक

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गोधूलि मुहूर्त – शाम 06:45 बजे से 07:05 बजे तक

निशिता काल – रात 11:55 बजे से 12:35 बजे तक

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राधा अष्टमी का धार्मिक महत्व

राधा अष्टमी का पर्व धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। इस दिन को राधा रानी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि राधा जी भगवान कृष्ण की अनन्य भक्त थीं और उनका प्रेम अद्वितीय था। इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। राधा जी का आशीर्वाद जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मकता को दूर करता है और जीवन को खुशियों से भर देता है।

पूजा विधि और अनुष्ठान

राधा अष्टमी के दिन भक्त विशेष पूजा-अनुष्ठान करते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए। फिर राधा-कृष्ण की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाकर पूजा करनी चाहिए। पूजा में फूल, धूप, दीप और नैवेद्य का विशेष महत्व होता है। राधा जी को सफेद वस्त्र और फूल चढ़ाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन मंत्र जाप और भजन-कीर्तन करने से मन को शांति मिलती है और भक्तों का आत्मिक विकास होता है।

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राधा अष्टमी का आध्यात्मिक संदेश

राधा अष्टमी का पर्व हमें प्रेम और भक्ति का संदेश देता है। राधा रानी का जीवन हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति में ही जीवन की सच्ची खुशी है। उनके जीवन से यह भी सीख मिलती है कि सच्चा प्रेम निःस्वार्थ और निश्छल होता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भी यही है कि हम राधा जी के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन को प्रेम और भक्ति से भरपूर बनाएं। राधा अष्टमी का पर्व हमें अपने जीवन में सकारात्मकता और शांति लाने का अवसर प्रदान करता है।

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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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