Ad image
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का विशेष महत्व, व्रत विधि, शुभ मुहूर्त और पूजा की तैयारी जानें

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए खास होता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख के लिए यह व्रत रखती हैं। यह पर्व कार्तिक मास में आता है, जिसमें महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत करती हैं और चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करती हैं।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का व्रत हर सुहागिन महिला के लिए विशेष महत्व रखता है। यह व्रत पति की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना के लिए रखा जाता है। हर साल यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और करवा माता की पूजा करती हैं। करवा चौथ 2025 की तारीख द्रिक पंचांग के अनुसार 10 अक्टूबर, शुक्रवार को होगी। इस दिन महिलाएं पूरे दिन बिना अन्न-जल के व्रत रखकर शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करती हैं।

Advertisement

शुभ मुहूर्त जानकारी (Shubh Muhurt Jankari)

तिथि शुरुआत – 09 अक्टूबर, रात 10:54 बजे

तिथि समाप्ति – 10 अक्टूबर, शाम 07:38 बजे

यह भी जरूर पढ़ें...

Advertisement

पूजा का शुभ मुहूर्त – शाम 05:57 बजे से 07:11 बजे तक

चंद्रोदय का समय – रात 08:13 बजे

Advertisement

करवा चौथ की पूजा विधि और तैयारी

करवा चौथ के दिन का आरंभ सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करके होता है। सरगी में फल, मिठाई और मेवे शामिल होते हैं। इसके बाद महिलाएं निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं। शाम के समय, सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्तियों की पूजा करती हैं। मिट्टी के करवे में जल भरकर रखा जाता है और धूप, दीप, नैवेद्य और फल अर्पित किए जाते हैं। व्रत कथा सुनना या पढ़ना भी इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। पूजा के लिए मिट्टी का करवा, दीपक, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, फल-फूल, मिठाई, कांस की तीलियां, छलनी और पूजा की थाली आवश्यक होती हैं।

व्रत के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

करवा चौथ के व्रत में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। व्रत के दौरान महिलाएं कोई भोजन या जल ग्रहण नहीं करतीं और पूजा के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं पहले से तैयार कर लेती हैं। जब चंद्रमा निकलता है, तब महिलाएं छलनी में दीपक रखकर चंद्रमा को देखती हैं और फिर अपने पति का चेहरा देखती हैं। इसके बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर और मिठाई खाकर व्रत का पारण किया जाता है। इस व्रत के माध्यम से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।

Advertisement

Want a Website like this?

Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert

Contact Me
Share This Article
Avatar photo
Sub Editor
Follow:
भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar
News in Image Share Link