Sahkar Taxi Kya hai: देश में ओला, उबर और रैपिडो जैसी प्राइवेट टैक्सी सेवाएं हावी हैं, लेकिन इनमें ड्राइवरों को अधिक लाभ नहीं मिलता। इसी समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार ने ‘सहकार टैक्सी’ सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। यह को-ऑपरेटिव मॉडल पर आधारित होगी, जिससे ड्राइवरों को अधिक मुनाफा मिलेगा और यात्रियों को भरोसेमंद व किफायती सफर का लाभ मिलेगा।
ड्राइवरों को सीधे होगा फायदा
अभी तक निजी टैक्सी कंपनियां ड्राइवरों से ऊंचा कमीशन लेती हैं, जिससे उनकी कमाई घट जाती है। ‘सहकार टैक्सी’ इस समस्या को दूर करेगी।
- बिना ऊंचे कमीशन के कमाई – ड्राइवर अपनी मेहनत का पूरा लाभ उठा सकेंगे।
- को-ऑपरेटिव इंश्योरेंस – गाड़ी और ड्राइवर की सुरक्षा के लिए खास बीमा योजनाएं मिलेंगी।
- सरकारी निगरानी – सेवा पारदर्शी होगी और किसी भी तरह की अनियमितता नहीं होगी।
यात्रियों के लिए क्यों फायदेमंद?
यात्रियों को भी इस सेवा से कई लाभ मिलेंगे:
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- सस्ता और पारदर्शी किराया – कोई छिपे हुए चार्ज नहीं, न ही अचानक बढ़ने वाला सर्ज प्राइस।
- स्थानीय ड्राइवरों को सपोर्ट – बुकिंग से होने वाली कमाई सीधे ड्राइवर के पास पहुंचेगी।
- सरकारी देखरेख में सुरक्षित सफर – यह सेवा सरकारी नियंत्रण में होगी, जिससे यात्रियों को भरोसेमंद अनुभव मिलेगा।
को-ऑपरेटिव टैक्सी मॉडल का विस्तार
कुछ राज्यों ने पहले ही सरकारी टैक्सी सेवाएं शुरू की हैं:
- केरल सवारी (2022) – शुरुआत अच्छी रही, लेकिन मांग कम होने के कारण सेवा अस्थायी रूप से रोक दी गई। अब इसे नए किराए और तकनीक के साथ फिर से शुरू करने की योजना है।
- यात्री साथी (पश्चिम बंगाल) – पहले कोलकाता में लॉन्च हुई, अब अन्य शहरों में विस्तार कर रही है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम
‘सहकार टैक्सी’ केवल एक परिवहन सेवा नहीं, बल्कि ड्राइवरों के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ विजन को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
अब सफर केवल मंज़िल तक पहुंचने का जरिया नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने वाला कदम होगा।