Section 144 imposed in Sikar: सीकरवासियों के लिए बड़ी खबर है। सीकर जिले में आज से धारा 144 लागू की गई है। इस संबंध में जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने आदेश जारी किया है। आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु इस फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि भारत का संविधान हमें बहुत सारे अधिकार देता है एवं विभिन्न प्रकार की आजादी देता है लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है कि हमसे कुछ समय के लिए यह आजादी छीन ली जाती है या फिर इसकी स्थिति कम कर दी जाती है।
जिला कलेक्टर मुकुल शर्मा ने आदेश जारी किया है कि 14 अक्टूबर 2024 से 1 जनवरी 2025 तक सीकर जिले में धारा 144 लागू रहेगी। इस दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा पटाखों के माध्यम से किसी प्रकार की जनहानि या शांति भंग की स्थिति को रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति होगी, और इनका उपयोग निर्धारित समय सीमा के भीतर ही किया जा सकेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी। मुकुल शर्मा ने यह बताया कि रास्ते में चलते व्यक्तियों के ऊपर पटाखा नहीं छोड़ा जाएगा और आतिशबाजी नहीं की जाएगी और व्यक्ति विशेष को पर निशाना साथ कर पता कर नहीं छोड़ा जाएगा अगर किसी ने जलता पटाखा छोड़ा तो यह अपराध माना जाएगा। कोई भी व्यक्ति 125 डेसीबल से ज्यादा उत्पन्न ध्वनि के पटाखे का पहचान भी नहीं कर सकता है क्योंकि उनके अगर उन्होंने ऐसा किया तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा पेट्रोल पंप तथा गैस गोदाम से 100 मीटर की परिधि में कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार की आतिशबाजी या विस्फोटक पदार्थ नहीं छोड़ेगा। ग्रीन पटाखे की पहचान आतिशबाजी के बॉक्स पर नीरी की ओर से जारी कोड को स्कैन करके की जाए।
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भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अनुसार किसी भी पब्लिक सर्वेंट के द्वारा जारी किए गए ऑर्डर को न मानने वालों के खिलाफ सजा का प्रावधान दिया गया है। इसके मुताबिक, “जो कोई भी जानबूझकर पब्लिक सर्वेंट के आदेश की अवमानना करता है, उसको जेल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं”।
क्या है धारा 144?
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगाई जाने वाली एक कानूनी प्रावधान है। यह धारा किसी भी जगह पर हिंसा, दंगे, या कोई भी संदिग्ध घटना होने से रोकने के लिए लगाई जाती है।
कितनी अवधि के लिए लगती है धारा-144?
धारा-144 को आमतौर पर दो महीने से ज्यादातर समय तक के लिए नहीं लगाई जा सकती है। कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे- लोगों की जान को खतरा या फिर किसी दंगे व हिंसा को टालने के लिए इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है। ऐसी स्थिति में भी धारा-144 लगने की शुरुआती तारीख से छह महीने से अधिक समय के लिए नहीं लगाई जा सकती है।
धारा-144 का उल्लंघन करने पर क्या होता है?
धारा-144 का उल्लंघन करने पर छह महीने की जेल की सजा या जुर्माना या फिर जेल और जुर्माना दोनों का दंड मिल सकता है