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Ekadashi Vart March 2025: मार्च में कब-कब है एकादशी व्रत? नोट कर लें तारीख, उपाय और पूजा विधि

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Ekadashi Vart March 2025: मार्च 2025 में दो एकादशी व्रत आएंगे – आमलकी एकादशी और पापमोचिनी एकादशी। आइए जानते हैं इन व्रतों की तिथियाँ, महत्व और पूजन विधि।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Ekadashi Vart March 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इसे करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मार्च 2025 में दो एकादशी व्रत आएंगे – आमलकी एकादशी और पापमोचिनी एकादशी। आइए जानते हैं इन व्रतों की तिथियाँ, महत्व और पूजन विधि।

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मार्च 2025 में एकादशी तिथियाँ:

यह भी जरूर पढ़ें...

  • आमलकी एकादशी 2025 – 10 मार्च (सोमवार)
  • पापमोचिनी एकादशी 2025 – 25 मार्च (मंगलवार)

1. आमलकी एकादशी 2025

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  • आमलकी एकादशी का महत्व:
    • आमलकी एकादशी को भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा के लिए जाना जाता है।
    • धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन उपवास रखने से जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सुख-शांति आती है।
  • पूजन विधि:
    • प्रातः स्नान करके पीले वस्त्र धारण करें।
    • भगवान विष्णु और आंवले के वृक्ष की पूजा करें।
    • तुलसी, आंवले और पंचामृत से भगवान का अभिषेक करें।
    • व्रत कथा सुनें और श्रीहरि के भजन-कीर्तन करें।
    • अगले दिन द्वादशी पर व्रत का विधिपूर्वक पारण करें।
  • इस दिन क्या करें और क्या न करें?
    • आंवले का सेवन करें और इसका दान करें।
    • सात्विक भोजन करें और अहिंसा का पालन करें।
    • तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज का सेवन न करें।
    • क्रोध और नकारात्मक विचारों से बचें।

2. पापमोचिनी एकादशी 2025

  • पापमोचिनी एकादशी का महत्व:
    • जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, “पापमोचिनी” का अर्थ है “पापों का नाश करने वाली”।
    • इस दिन व्रत करने से मनुष्य जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है।
  • पूजन विधि:
    • सूर्योदय से पहले स्नान कर संकल्प लें।
    • भगवान विष्णु का पूजन करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
    • एकादशी व्रत कथा सुनें और श्रीहरि की आराधना करें।
    • संध्या समय भगवान की आरती करें और तुलसी में दीपक जलाएं।
    • द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण करें।
  • इस दिन क्या करें और क्या न करें?
    • दान-पुण्य करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
    • भजन-कीर्तन और ध्यान करें।
    • नकारात्मक विचारों और कटु वचन से बचें।
    • अधिक नींद और आलस्य से दूर रहें।

एकादशी व्रत के सामान्य लाभ:

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  • मन को शुद्ध और शांत करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति और सकारात्मकता प्रदान करता है।
  • भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
  • सभी प्रकार के पापों का नाश होता है और मोक्ष प्राप्त होता है।

मार्च 2025 में आने वाली आमलकी एकादशी और पापमोचिनी एकादशी व्रत भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति का सुनहरा अवसर हैं। इन व्रतों को श्रद्धापूर्वक करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में खुशहाली आती है।

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Bharti Sharma
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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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