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Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जानें व्रत की सही तिथि और पूजा विधि, जानिए शुभ मुहूर्त

Janmashtami 2025: जन्माष्टमी की सही तिथि 16 अगस्त को है। जानिए व्रत एवं पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
3 Min Read

Shri Krishna Janmashtami 2025: प्रेम और भक्ति का अद्भुत उत्सव

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व उन भक्तों के लिए विशेष है जो भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपार श्रद्धा रखते हैं। इस दिन को भगवान के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, जब उन्होंने अधर्म का नाश करने और धर्म की स्थापना के लिए मथुरा की जेल में जन्म लिया था। यह त्योहार प्रेम, भक्ति और श्रीकृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है, जहां भक्त उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। इस वर्ष, जन्माष्टमी को लेकर तिथियों में कुछ भ्रम है, लेकिन सही जानकारी के अनुसार, इसे 16 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं इस पावन पर्व की विशेषताएं और पूजा के तरीके।

शुभ मुहूर्त जानकारी (Shubh Muhurt Jankari)

अष्टमी तिथि प्रारंभ – 15 अगस्त 2025, रात 11:49 बजे

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अष्टमी तिथि समाप्त – 16 अगस्त 2025, रात 09:34 बजे

चंद्रोदय – 16 अगस्त, रात 10:46 बजे

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पूजन मुहूर्त – रात्रि 12:00 बजे तक

जन्माष्टमी पर कैसे करें विशेष पूजा

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर भक्तगण विशेष पूजा का आयोजन करते हैं। इस दिन व्रत रखकर भगवान श्रीकृष्ण का स्वागत किया जाता है। सही विधि से पूजा करने के लिए, व्रती व्यक्ति प्रातः स्नान कर संकल्प लें और पूरे दिन अन्न का त्याग कर फलाहार करें। घर में श्रीकृष्ण की सुंदर झांकी सजाएं और उनके लिए झूला तैयार करें। उन्हें पीतांबर, मोर मुकुट, बांसुरी और तुलसी पत्र अर्पित करें। रात्रि 12 बजे चंद्रोदय के साथ श्रीकृष्ण जन्म की आरती करें और भजन-कीर्तन का आयोजन करें।

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क्यों है यह पर्व इतना महत्वपूर्ण?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है। इस व्रत को रखने से जीवन में संयम, प्रेम और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही यह पर्व बच्चों और युवाओं के जीवन में नैतिक शिक्षा और आध्यात्मिक बल का विकास करता है। भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से प्रेरणा लेकर हम अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

श्रीकृष्ण से सीखें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ

श्रीकृष्ण केवल एक देवता नहीं, बल्कि जीवन के आदर्श भी हैं। उनकी बाल लीलाओं से हमें प्रेम और सच्चाई का महत्व समझ में आता है। इस जन्माष्टमी पर, आइए हम सब श्रीकृष्ण के उपदेशों को अपने जीवन में अपनाएं और अपने जीवन को ‘गीता’ के ज्ञान से प्रकाशित करें। जय श्रीकृष्ण!

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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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