Magh Budh Pradosh Vrat-हर महीने दो प्रदोष व्रत होते हैं। यह व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाए जाते हैं। फरवरी महीने का एक प्रदोष व्रत निकल चुका है और दूसरा आने वाला है। इस व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है अगर आप सच्ची श्रद्धा से पूजा करते हैं तो भगवान शिव खुश हो कर आपको अच्छी सेहत और सुख, समृद्धि का वरदान प्रदान करते हैं। आइए जान लेते हैं किस दिन है फरवरी महीने में दूसरा प्रदोष का व्रत और इस दिन भगवान शिव की पूजा कैसे की जा सकती है।
कब है दूसरा प्रदोष का व्रत? (Magh Budh Pradosh Vrat)
इस महीने में दूसरा प्रदोष का व्रत 21 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन बुधवार है इसलिए इस दिन को बुध प्रदोष व्रत भी कहा जा रहा है। यह व्रत 21 को सुबह 11 बज कर 28 मिनट पर शुरू हो जायेगा और अगले दिन 22 फरवरी को 1 बज कर 22 मिनट पर खत्म होगा। अगर पूजा के मुहूर्त की बात करें तो 21 को शाम को 6 बज कर 21 मिनिट से लेकर रात में 8 बज कर 53 मिनट तक पूजा का मुहूर्त रहने वाला है।
Pradosh Vrat – प्रदोष व्रत वाले दिन न करें यह काम
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कैसे करें इस दिन भगवान शिव की पूजा?
इस दिन भगवान शिव की पूजा करने के लिए आप को सुबह उठ कर नहा लेना है। इसके बाद आप को साफ कपड़े पहन कर व्रत का संकल्प लेना है। वैसे तो कुछ लोग सुबह के समय भी महादेव की पूजा करते हैं लेकिन इस व्रत में सही ढंग से शाम के समय पूजा की जाती है। इस व्रत में भगवान शिव के साथ साथ मां पार्वती की पूजा की जाती है। व्रत में पंचामृत, बेलपत्र, गंगाजल, फल, दीप आदि चीजें भगवान को अर्पित की जाती हैं। इस दिन भगवान शिव को घी और शक्कर में मिले जौ के साथ भोग लगा सकते हैं। ऐसा करना बेहद ही शुभ माना जाता है। इसके बाद भगवान शिव की आरती करके पूजा खत्म कर सकते हैं।
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