Govind Dwadshi-हिंदू धर्म में गोविंद द्वादशी एक महत्त्वपूर्ण तिथि होती है। इस दिन का खास महत्त्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। यह फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 21 मार्च को मनाई जा रही है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण की पूजा की जाती है और उन्हें ही यह दिन समर्पित होता है। इस दिन श्री कृष्ण की लीलाओं और कथाओं का स्मरण किया जाता है। आइए जान लेते हैं इस तिथि का शुभ मुहूर्त और इसका हिंदू धर्म में महत्त्व।
भगवान विष्णु की की जाती है पूजा
इस द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन इनकी पूजा करने से और सच्चे मन से व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप इस दिन व्रत करते हैं तो आपके पापों का नाश होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से और व्रत रखने से सुख समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसा करने से आप भगवान जो भी इच्छा मांगते हैं वह जरूर पूरी होती है।
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गोविंद द्वादशी का व्रत
इस साल 21 मार्च को यह व्रत रखा जा रहा है। इस दिन सूर्योदय होने से लेकर सूर्यास्त होने तक यह व्रत रखा जायेगा। व्रत के दिन आप को अन्न, जल और बाकी सांसारिक सुखों का त्याग करना चाहिए। भगवान विष्णु की सच्चे मन से पूजा करनी चाहिए और उनका ध्यान करते हुए भजन कीर्तन भी करना चाहिए। अगले दिन ही सूर्योदय होने के बाद आप को अपना व्रत खोलना चाहिए।
उपाय
इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ साथ आप को इन्हें तुलसी, फल, मिठाई और चंदन आदि अर्पित करना चाहिए। इसके अलावा आप को इस दिन दान पुण्य भी करना चाहिए। इस दिन दान करना अति शुभ माना जाता है। साथ ही आप को भजन कीर्तन भी करना चाहिए।
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