हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत हर माह कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है।
प्रदोष व्रत के दिन पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव स्तुति मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव गायत्री मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते। ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिव आरोग्य मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो।।
शिव प्राथना मंत्र