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Rajveer Singh Funeral: जुड़वा बच्चों की मां, फौज की अफसर, और आज एक वीरांगना विधवा- राजवीर की पत्नी की ये तस्वीर हर दिल को झकझोर देगी

Rajveer Singh Funeral Latest News: "केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए पायलट राजवीर सिंह को जयपुर में अंतिम विदाई दी गई। उनकी पत्नी कर्नल दीपिका ने रोते हुए सलामी दी और तस्वीर लेकर अंतिम यात्रा में आगे-आगे चलीं। यह दृश्य हर आंख को नम कर गया।"

Written by: Rajasthan Desk - News
4 Min Read

“एक चित्र था हाथों में, एक युद्ध था मन में…
सामने थी भीड़, पर अकेलापन संग में…
वो चली अंतिम सफर में, सिर ऊंचा और आंख नम थी…
एक पत्नी, एक मां, एक फौजी—तीनों किरदारों में गम था…”

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कर्नल दीपिका चौहान जब पति राजवीर की तस्वीर लिए अंतिम यात्रा में चल रही थीं, तो ऐसा लगा जैसे कोई विवश वीरांगना खुद को समेटे चल रही हो। उस सैल्यूट में जो उन्होंने पति को दी- था नमन, था समर्पण… और था वो मौन क्रंदन, जो शब्दों में नहीं बहता। जुड़वां नवजात बच्चों की मां होने का सुख अभी हाथ में ही था, कि विधाता ने सहसा वह आशीर्वाद अधूरा कर दिया।

केदारनाथ हादसे में जान गंवाने वाले पायलट राजवीर सिंह को मंगलवार को उनके गृह नगर जयपुर में अंतिम विदाई दी गई। जैसे ही उनका शव शास्त्री नगर स्थित आवास पहुंचा, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम यात्रा में हर आंख नम थी, और सबसे मार्मिक दृश्य था उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट कर्नल दीपिका चौहान का, जो हाथों में पति की तस्वीर थामे, पूरे साहस के साथ अंतिम सफर में आगे-आगे चल रही थीं। सेना की वर्दी में उन्होंने राजवीर को सैल्यूट कर भावभीनी विदाई दी।

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अभी कुछ दिन पहले ही बने थे जुड़वां बच्चों के पिता

राजवीर और दीपिका की शादी को 14 साल हो चुके थे। हाल ही में उनके घर जुड़वा बेटों का जन्म हुआ था। इसी महीने बच्चों के स्वागत और माता-पिता की शादी की सालगिरह का कार्यक्रम भी तय था, लेकिन नियति को कुछ और ही मंज़ूर था।

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आखिरी संदेश बना अंतिम शब्द

रविवार सुबह केदारनाथ के पास गौरीकुंड क्षेत्र में श्रद्धालुओं को ले जाते समय हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। हादसे से कुछ ही मिनट पहले सुबह 5:20 बजे राजवीर ने कंट्रोल रूम को आखिरी संदेश भेजा था— “लैंडिंग के लिए लेफ्ट टर्न कर रहा हूं”, जो उनका अंतिम संवाद साबित हुआ।

फौजी से पायलट बनने तक का सफर

भारतीय सेना में 14 वर्षों तक सेवा देने के बाद राजवीर ने परिवार को समय देने के उद्देश्य से आर्मी एविएशन से रिटायरमेंट लिया और प्राइवेट एविएशन सेक्टर में पायलट के तौर पर नई शुरुआत की। जोखिम भरे मिशनों में साहस दिखाने वाले राजवीर पिछले महीने ही छुट्टी में घर आए थे। उस दौरान जुड़वां बेटों के साथ खेलने की उनकी खुशी और आंखों की चमक देखने लायक थी।

पड़ोसी बोले: ‘वो सिर्फ पायलट नहीं, प्रेरणा थे’

राजवीर को जानने वाले हर व्यक्ति के लिए उनका जाना निजी क्षति है। पड़ोसी बताते हैं कि वे न सिर्फ बेहद विनम्र और मददगार थे, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा भी थे। “हमने सिर्फ एक पायलट नहीं, एक अच्छा दोस्त खो दिया है,” यही भाव हर किसी की आंखों में झलक रहा था।

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अंतिम विदाई में पहुंचे मंत्री, उमड़ा जनसैलाब

राजवीर की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल हुए। राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया।

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