Ranthambhore Ganesh Mela 2025: सवाई माधोपुर के रणथंभौर दुर्ग में स्थित भगवान त्रिनेत्र गणेश के तीन दिवसीय लक्खी मेले की शुरुआत हो चुकी है। हर साल की तरह इस बार भी यह मेला श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मुख्य मेला 27 अगस्त को भरेगा और इसे लेकर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की हैं। भारी बरसात से क्षतिग्रस्त मार्गों को दुरुस्त कर दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। सुरक्षा के मद्देनजर मेले में 1500 पुलिस अधिकारी और जवान तैनात किए गए हैं।
मेले के दौरान सुरक्षा और मार्ग व्यवस्था
रणथंभौर में हो रही भारी बरसात के चलते श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। जिला कलेक्टर कानाराम और पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने श्रद्धालुओं को प्रशासन की गाइडलाइन्स का पालन करने का आग्रह किया है। हाल ही में परिक्रमा मार्ग पर बाघ के पगमार्क देखे जाने के बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं को समूह में यात्रा करने की सलाह दी है। वन क्षेत्र में बैरिकेडिंग और चेतावनी बोर्ड लगाए गए हैं ताकि अवैध रास्तों से प्रवेश न किया जा सके।
पुलिस प्रशासन की विशेष व्यवस्था
पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार बेनीवाल ने बताया कि मेले में सुरक्षा के लिए 1500 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इनमें 9 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 14 पुलिस उपाधीक्षक, 5 आरएसी कंपनियां, 150 होमगार्ड, और 150 पुलिस मित्र शामिल हैं। सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए 25 स्थाई चौकियां और 10 मोबाइल यूनिट्स भी लगाई गई हैं। श्रद्धालुओं को परिक्रमा मार्ग का अनावश्यक उपयोग न करने की सलाह दी गई है।
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श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं
श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन व्यवस्था को मजबूत किया गया है। जिला कलेक्टर ने रोडवेज अधिकारियों को अतिरिक्त बसें लगाने और ओवर लोडिंग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। रेलवे स्टेशन से मेला पार्किंग स्थल तक किराए में 50 प्रतिशत रियायत दी गई है। पूरे मेला परिसर में निर्बाध बिजली आपूर्ति, साइलेंट जनरेटर, और साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर और भंडारा स्थलों पर डस्टबिन और अस्थाई शौचालय भी लगाए गए हैं।
स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा के उपाय
मेले में स्वच्छता बनाए रखने के लिए सभी सफाई कर्मियों को रिफ्लेक्टर जैकेट पहनना अनिवार्य किया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा। भंडारे केवल निर्धारित स्थलों पर ही लगाए जाएंगे और अमानक सामग्री के उपयोग पर सख्त रोक होगी। जलभराव वाले स्थानों पर गोताखोर और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहेंगी।
चिकित्सा और खाद्य सुरक्षा
मेला क्षेत्र में चिकित्सा टीमों की 8-8 घंटे की पारियों में ड्यूटी रहेगी और एम्बुलेंस भी तैनात की जाएगी। खाद्य निरीक्षक और रसद विभाग की टीमें मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री रोकने के लिए निगरानी रखेंगी। भंडारों में गुणवत्तापूर्ण भोजन वितरित करने के निर्देश दिए गए हैं। गणेश धाम तिराहे और रणथंभौर दुर्ग में 24 घंटे सक्रिय नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
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