Vice President India 2025: शुक्रवार को सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें शपथ दिलाई। राधाकृष्णन ने विपक्ष के उम्मीदवार, पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराकर इस महत्वपूर्ण पद को हासिल किया। यह चुनाव तब हुआ जब जगदीप धनखड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया, जबकि उनका कार्यकाल अभी बाकी था।
राधाकृष्णन की अनोखी यात्रा
सीपी राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति बनने की यात्रा काफी दिलचस्प रही है। छात्र आंदोलन से शुरुआत करने वाले राधाकृष्णन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़कर राजनीति में कदम रखा। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और 2004 से 2007 तक तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी दौरान उन्होंने 93 दिनों में 19,000 किलोमीटर की रथ यात्रा की, जिसका उद्देश्य नदियों को जोड़ना और आतंकवाद का खात्मा करना था।
राजनीति में मजबूत पकड़
राधाकृष्णन को संगठन और प्रशासन दोनों में मजबूत पकड़ वाला नेता माना जाता है। 2020 से 2022 तक वह केरल भाजपा के प्रभारी रहे। उनके समर्थक उन्हें ‘तमिलनाडु का मोदी’ कहकर बुलाते हैं। उनका राजनीतिक सफर 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य के रूप में शुरू हुआ। 1996 में उन्हें तमिलनाडु भाजपा का सचिव बनाया गया और 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा के लिए चुने गए।
चुनौतियों का सामना
हालांकि, राधाकृष्णन को 2004, 2014 और 2019 में कोयंबटूर से हार का सामना करना पड़ा। सांसद रहते हुए उन्होंने कपड़ा मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य के रूप में भी काम किया। उनकी विनम्रता और सुलभता ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बनाया है।
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