Ad image
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Karwa Chauth 2025: जानें पूजा विधि और व्रत के नियम, कैसे लाए रिश्तों में मिठास

°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Karwa Chauth Vrat 2025: इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखेंगी। सूर्यास्त के बाद करवा माता की पूजा होती है और चांद के दर्शन के बाद व्रत पूरा होता है।

Written by: Naveen Parmuwal - Deputy Editor
3 Min Read

Karwa Chauth 2025: इस साल 10 अक्टूबर को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाएगा। इस खास दिन पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। सूर्योदय से पहले सरगी खाकर दिनभर उपवास रहता है और चंद्रोदय के बाद छलनी से चांद और पति के दर्शन कर व्रत पूरा करती हैं।

Advertisement

पूजा और व्रत का तरीका

करवा चौथ का व्रत सुबह 6:18 बजे शुरू होकर रात 8:12 बजे चांद निकलने के बाद खत्म होगा। सूर्यास्त के बाद करवा माता की पूजा होती है जिसमें करवा माता की तस्वीर, छलनी, मिट्टी का करवा, दही, घी, शक्कर, नारियल, और मिठाई का उपयोग होता है। चांद के दर्शन के बिना करवा चौथ अधूरा होता है, इसलिए इसे पूरा करना जरूरी होता है।

करवा चौथ की कहानी

इस त्योहार की कहानी एक साहूकार की बेटी और उसके सात भाईयों से जुड़ी है। एक बार भाईयों ने बहन को नकली चांद दिखाकर उसका व्रत तुड़वा दिया, जिससे उसके पति की हालत खराब हो गई। इसके बाद उसने पूरी श्रद्धा से करवा चौथ का व्रत रखा और भगवान गणेश की पूजा की, जिससे उसके पति को नया जीवन मिला। यह कहानी बताती है कि सही तरीके से व्रत करने से मनचाही खुशियां मिलती हैं।

यह भी जरूर पढ़ें...

Advertisement

सरगी और व्रत के नियम

सुहागन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं, जो सास द्वारा भेजी जाती है और इसमें मिठाई, फल, और अन्य सामग्री शामिल होती है। इसके बाद महिलाएं बिना खाना-पानी के रहती हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन बाल नहीं धोने चाहिए और काले-सफेद कपड़े पहनने से बचना चाहिए। लाल, गुलाबी, या पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।

रिश्तों में मिठास लाता है व्रत

करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत करता है। इस दिन पति को भी शराब और मांस से दूर रहना चाहिए और पत्नी के प्रति आदरपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। सुई-धागे और धारदार चीजों का इस्तेमाल न करना बेहतर होता है। चांद के दर्शन के बाद ही व्रत पूरा होता है। यह दिन सच्चाई, शुद्धता और विनम्रता का पालन करने का होता है, जिससे रिश्ते और गहरे होते हैं।

Advertisement

Want a Website like this?

Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert

Contact Me
Share This Article
Deputy Editor
Follow:
नवीन पारमुवाल एक युवा डिजिटल पत्रकार और अनुभवी कंटेंट विशेषज्ञ हैं। राजस्थान के सीकर से ताल्लुक रखने वाले नवीन ने पिछले 6 सालों में डिजिटल मीडिया और न्यूज इंडस्ट्री में काम किया है। उन्होंने राजस्थान के नंबर वन अखबार राजस्थान पत्रिका से अपने करियर की शुरुआत की। जमीनी स्तर पर रिपोर्टिंग के जरिए उन्होंने लोकल मुद्दों, घटनाओं और समाज से जुड़ी खबरों को नजदीक से देखा और पाठकों तक पहुंचाया।बाद में पत्रिका.कॉम के साथ डिजिटल पत्रकारिता में कदम रखते हुए नवीन ने प्रदेश, राजनीति, व्यापार, तकनीक, मनोरंजन और अंतरराष्ट्रीय खबरों जैसे अहम मोर्चों को संभाला। उन्होंने ईटीवी भारत और वनइंडिया हिंदी जैसे न्यूज प्लेटफॉर्म्स पर काम करते हुए न्यूज एडिटिंग, कंटेंट मैनेजमेंट और होमपेज ऑपरेशंस में अपनी गहरी पकड़ बनाई।तेज और सटीक रिपोर्टिंग के साथ-साथ SEO ऑप्टिमाइजशन और ऑडियंस एंगेजमेंट में उनकी दक्षता ने उन्हें डिजिटल मीडिया में अलग पहचान दिलाई।पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पंडित झाबरमल शर्मा पत्रकारिता पुरस्कार (डिजिटल) और गोल्डन अवॉर्ड- पत्रिका.कॉम प्रमुख हैं।
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

Facebook

- Advertisement -
- Advertisement -
News in Image Share Link