Margshisha Purnima 2025: आज मार्गशीर्ष पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्रद्धालु व्रत का पालन कर रहे हैं और भगवान विष्णु तथा मां लक्ष्मी की उपासना कर रहे हैं। हिंदू परंपराओं के अनुसार, यह दिन अत्यंत पवित्र माना जाता है और सत्यनारायण भगवान की विशेष पूजा की जाती है। यह विश्वास है कि इस तिथि पर स्नान, दान और पूजा से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।
सत्यनारायण पूजा और शुभ मुहूर्त
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा-अर्चना के लिए भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। इसे भगवान विष्णु की प्रिय तिथि माना गया है। भक्तजन आज के दिन विशेष रूप से सत्यनारायण की पूजा कर रहे हैं और व्रत का पालन कर रहे हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, आज का पूजन मुहूर्त सुबह 11:50 से दोपहर 12:32 और शाम 5:21 से 5:49 के बीच है।
‘मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं’, कृष्ण की वाणी का महत्व
भगवद्गीता में भगवान कृष्ण ने कहा था, “मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं,” जो इस महीने को पवित्रता का विशेष दर्जा देता है। इस दिन उपवास, मंत्रजप और दान करने से आध्यात्मिक लाभ मिलता है। माना जाता है कि इस दिन की गई पूजा विशेष आध्यात्मिक और दिव्य आशीर्वाद प्रदान करती है।
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व्रत का विशेष महत्व
मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भक्त भगवान सत्यनारायण की विशेष पूजा करते हैं। व्रत रखने वाले श्रद्धालुगण सत्यनारायण व्रत कथा सुनते हैं। चंद्र दर्शन भी आज के दिन अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन की गई पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में सकारात्मक बदलाव की मान्यता है।
पुण्य का सौ गुना फल, नारद और स्कंद पुराण में उल्लेख
नारद पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार, इस दिन किए गए पुण्य कार्य जैसे कि अन्न, वस्त्र, और स्वर्ण का दान, सामान्य दिनों से सौ गुना अधिक फलदायी होता है। पवित्र नदियों में स्नान, पितरों का तर्पण और गौ-दान करने की परंपरा इस दिन को अति पवित्र बनाती है। श्रद्धालु मानते हैं कि इन कर्मों से पूर्वजों की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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