Gauri Mantra-मंत्र उच्चारण करने से शरीर की ऊर्जा पर एक अलग ही प्रभाव पड़ता है। हमें जागरूक करने के लिए और खुद के प्रति ज्ञान प्राप्त करने के लिए मंत्र हमारी काफी ज्यादा सहायता करते हैं। मंत्रों का उच्चारण करने से हमारे शरीर में उन शक्तियों को जागने में मदद मिलती है जो हमें पता ही नहीं था की हमारे अंदर थी। गौरी मां मां दुर्गा के नौ रूपों में से एक है और इनकी पूजा आठवें दिन की जाती है। गौरी मां एक अच्छी पत्नी और प्रेमिका की आदर्श हैं। ऐसा माना जाता है जो महिला मां गौरी की पूजा करती हैं उन्हें उनका मन चाहा पति पाने का वरदान प्राप्त होता है। जिन लोगों को शादी होने में बाधा आ रही है या फिर जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष है उन्हें मां गौरी के मंत्र (Gauri Mantra) का उच्चारण जरूर करना चाहिए।
Gauri Mantra उच्चारण के लाभ
ऐसा कहा जाता है की माता सीता ने भी मन चाहे पुरुष श्री राम से शादी करने के लिए गौरी मंत्र (Gauri Mantra) का उच्चारण ही किया था। उन्होंने स्वयंवर से पहले इस मंत्र का उच्चारण किया था और उनके लिए फिर श्री राम को चुना गया था। मां गौरी की तस्वीर को नंदी पर बैठे हुए देखा जाता है। उनकी चार भुजाएं होती हैं। मां गौरी आपके विचारों को शुद्ध करने में और आप को शांति प्रदान करने में मदद करती हैं इसलिए आप को मां गौरी को प्रसन्न करने के लिए इनके मंत्र का उच्चारण करना जरूर शुरू कर देना चाहिए।
कुंवारी लड़कियों को अपनी इच्छा के लड़के से शादी करने के लिए मां गौरी मंत्र का रोजाना उच्चारण करना शुरू कर देना चाहिए। ऐसा माना जाता है की जो भी इस मंत्र का उच्चारण करना शुरू करता है उसकी शादी जल्द से जल्द हो जाती है। इसलिए अगर आप की काफी कोशिश करने के बाद भी शादी नहीं हो रही है तो आप को मां गौरी के मंत्र का उच्चारण करना जल्द से जल्द शुरू कर देना चाहिए। मां गौरी की पूजा करने से मां गौरी के विचार भी आपके अंदर दिखने लगते हैं और आपको अच्छे गुण प्राप्त करने का वरदान मिलता है।