Rohini Vrat-इस महीने का रोहिणी व्रत 27 फरवरी 2025, सोमवार को है। रोहिणी व्रत हर महीने रोहिणी नक्षत्र वाले दिन को मनाया जाता है। रोहिणी नक्षत्र भगवान कृष्ण का मन पसंदीदा माना जाता है। इसलिए यह व्रत भगवान कृष्ण को ही समर्पित होता है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है और उनका आशीर्वाद लिया जाता है। भगवान श्री कृष्ण अपने भक्तों के जीवन से सारी बाधाएं और दुखों को दूर करते हैं। इस व्रत को पूरी विधि और श्रद्धा से करने के बाद आपको शांति, समृद्धि और सुख मिल सकता है। आइए जान लेते हैं इस व्रत का हिंदू धर्म में क्या महत्त्व है और इस व्रत को करने की विधि और पूरी प्रक्रिया क्या क्या है।
रोहिणी व्रत का महत्त्व (Rohini Vrat Importance)
श्री कृष्ण के भक्तों के लिए यह दिन काफी शुभ होता है। ऐसा माना जाता है की अगर कोई भक्त पूरी श्रद्धा और भाव से इस व्रत को करता है तो उसके जीवन से परेशानियां दूर हो कर उसे सुख, समृद्धि प्राप्त होने में मदद मिलती है। यह व्रत भक्तों के जीवन से कठिनाइयां दूर करके और सफलता प्राप्त होने में मदद करता है।भगवान श्री कृष्ण इस नक्षत्र में ही पैदा हुए थे इसलिए यह दिन उन्हीं को समर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है की इस दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद आप को मिलता है।
रोहिणी व्रत की विधि (Rohini Vrat Pooha Vidhi)
इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठ कर खुद को पवित्र करने के लिए अच्छे से स्नान करते हैं और साफ सुथरे कपड़े पहन कर पूजा घर को साफ करके भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं। कई लोग मंत्रों का उच्चारण भी करते हैं। इसके अलावा बहुत सारे लोग इस दिन व्रत रखते हैं और केवल दूध और फलों का ही सेवन करते हैं। कुछ भक्त कुछ खास रस्में जैसे अभिषेकम आदि भी करते हैं। अलंकार्म नाम की विधि भी की जाती है। अगर आप पूरी सच्ची श्रद्धा से इस व्रत को करते हैं तो आप की मन चाही इच्छा पूर्ण हो सकती है और भगवान श्री कृष्ण की कृपा आप पर सदा बनी रहेगी।