Rajasthan News: राजस्थान में हजारों शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। मामला 2022 में निकली विज्ञप्ति से जुड़ा हुआ है। 2022 में कर्मचारी चयन बोर्ड ने एल2 के शिक्षकों के लिए करीब 27 हजार पदों पर भर्ती निकाली थी। जिसके परिणाम जारी कर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति भी दे दी गई। लेकिन, कुछ अभ्यर्थी भर्ती में गड़बड़ी को लेकर कोर्ट पहुंच गए। इसके बाद कोर्ट ने जांच कमेटी गठित कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। अब जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी है। जिसके बाद सभी शिक्षकों में डर का माहौल बना हुआ है।
जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 2022 में 27 हजार पदों पर शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। 2023 में भर्ती को लेकर परीक्षा आयोजित करवाई गई। इसके बाद कुछ दिनों में ही परिणाम जारी कर दिए गए और चयनित शिक्षकों को नियुक्ति दे दी गई। कुछ शिक्षक तो पिछले एक साल से नौकरी कर रहे हैं। लेकिन, कुछ अभ्यर्थियों ने उत्तर पुस्तिका में त्रुटियों को लेकर संशोधित परिणाम जारी करने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर कर दी। ऐसे में अब कोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड को कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट बोर्ड को सौंप दी।
सीईटी एग्जाम के बाद सार्वजनिक होगी रिपोर्ट
कर्मचारी चयन बोर्ड का कहना है कि जांच रिपोर्ट सीईटी एग्जाम के बाद सार्वजनिक की जाएगी। हालांकि, परिणाम में कोई बड़े बदलाव की आशंका नहीं है। लेकिन, कुछ सवालों के जवाब बदले जाने की संभावना है। ऐसे में अगर इन सवालों के आंसर बदले जाते हैं तो पूरा परिणाम फिर से जारी करना पड़ेगा। अगर ऐसा होता है तो कई शिक्षकों पर इसकी गाज गिर सकती है। ऐसे में शिक्षक लगातार इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
शिक्षकों की नौकरी पर लटकी तलवार
बेरोजगार संघ के नेता अशोक चौधरी का कहना है कि कर्मचारी चयन बोर्ड भर्ती परीक्षा परिणाम को संशोधित करने की कवायद में है, इससे हजारों शिक्षक अवसाद में हैं। उनकी मांग है कि जिन अभ्यर्थी को नियुक्ति दे दी गई उनको हटाया नहीं जाना चाहिए। जांच रिपोर्ट के आधार पर नए अभ्यर्थियों को मौका मिलना चाहिए, इसके लिए शैडो पोस्ट क्रिएट करके उन्हें भी जॉइनिंग दी जाए। साथ में उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर बोर्ड नियुक्त हो चुके शिक्षकों को नौकरी से हटाता है तो बेरोजगार संघ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।