Ahmedabad Plane Crash, Pilot Last Words Before Air India Plane Crash: गुजरात की राजधानी अहमदाबाद 12 जून को एक बड़े विमान हादसे का गवाह बनी, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान लंदन के गैटविक एयरपोर्ट की ओर जा रहा था, लेकिन उड़ान भरने के दो मिनट के अंदर ही शहर के मेघानी नगर इलाके में गिरकर आग का गोला बन गया।
इस हादसे में अब तक 275 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें विमान में सवार यात्रियों के अलावा जमीन पर मौजूद कई लोग भी शामिल हैं। चौंकाने वाली बात ये रही कि इस त्रासदी में सिर्फ एक यात्री – ब्रिटेन निवासी रमेश विश्वासकुमार – जीवित बचे।
टेकऑफ के तुरंत बाद आया संकट, पायलट ने दी थी चेतावनी (Boeing 787 Ahmedabad Crash)
एयर इंडिया का यह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर दोपहर 1:38 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ा। लेकिन रडार के मुताबिक यह सिर्फ 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया। ठीक दो मिनट बाद यह बीजे मेडिकल कॉलेज और अतुल्यम हॉस्टल की इमारतों से टकरा गया।
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हादसे से कुछ सेकंड पहले पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को आपात संदेश भेजा था – “प्लेन ऊपर नहीं जा रहा, शायद ना बच पाएं।” इसके बाद विमान का संपर्क टूट गया और वह तेज धमाके के साथ नीचे गिर पड़ा।
जांच में सामने आईं शुरुआती वजहें
शुरुआती जांच में उड़ान से जुड़ी तकनीकी गड़बड़ियों की बात सामने आई है। माना जा रहा है कि टेकऑफ के समय फ्लैप्स की स्थिति, इंजन की ताकत, या लैंडिंग गियर के सही से न हटने जैसी गलतियों ने यह हादसा करवाया। साथ ही, उस दिन का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था, जिससे हवा हल्की हो गई थी और विमान को उठने में दिक्कत हुई।
विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है और उसकी जानकारी से हादसे की सही वजहें जल्द सामने आने की उम्मीद है।
सरकार और एजेंसियों ने क्या कहा?
केंद्र सरकार ने हादसे के तुरंत बाद विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को जांच के आदेश दिए। साथ ही, गृह सचिव की अगुआई में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है जो उड़ानों की प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। डीजीसीए ने बोइंग 787-8 और 787-9 की हर उड़ान से पहले विशेष जांच के आदेश दिए हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू खुद घटनास्थल पर पहुंचे और कहा कि हादसे की पारदर्शी जांच होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताया और राहत कार्यों की निगरानी के लिए मंत्रीगणों को निर्देश दिए।
मौत, मुआवजा और राहत अभियान
फ्लाइट में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। खबर है कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस विमान में थे, हालांकि अभी उनकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और सेना की टीमों ने मिलकर राहत कार्य शुरू किया। 265 शव सिविल अस्पताल में लाए गए, और 41 लोग घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है। एयर इंडिया का संचालन करने वाले टाटा समूह ने मृतकों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
बोइंग की सुरक्षा पर उठे सवाल
यह पहली बार है जब बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर किसी घातक हादसे का शिकार हुआ है। इससे पहले 2019 में 737 मैक्स विमान की दुर्घटनाओं ने भी कंपनी की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए थे। 2024 में एक पूर्व कर्मचारी ने दावा किया था कि ड्रीमलाइनर में खराब पुर्जे और ऑक्सीजन सिस्टम की कमियां हैं। इस हादसे के बाद फिर से बोइंग की विश्वसनीयता पर बहस छिड़ गई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी आई सामने
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड और ब्रिटिश जांच टीमें अहमदाबाद पहुंच गई हैं और भारतीय एजेंसियों के साथ जांच में सहयोग कर रही हैं।