Ad image
Sun Jun 1, 7:24 pm Sikar
33°C - टूटे हुए बादल
🌧 बारिश: 0 mm | 💧 नमी: 28% | 🌬 हवा: 9.64 km/h
Powered By: 89.6 FM Sikar
- Advertisement -

Delhi Election Result: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने कैसे AAP को हराया? इन मुद्दों ने पलट दी बाजी

- Advertisement -
Sun Jun 1, 7:24 pm Sikar
33°C - टूटे हुए बादल
🌧 बारिश: 0 mm | 💧 नमी: 28% | 🌬 हवा: 9.64 km/h
Powered By: 89.6 FM Sikar

Delhi Election Result Analysis: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की और आम आदमी पार्टी (AAP) को हराया। जानिए कैसे भाजपा ने मुफ्त योजनाओं, नेताओं की गिरफ्तारी, और AAP के मुद्दों का फायदा उठाया। दिल्ली के राजनीतिक संघर्ष पर विस्तार से जानकारी।

Rupali kumawat
Written by: Rupali kumawat - Sub Editor
5 Min Read

Delhi Election Result Analysis: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने अपनी सत्तारूढ़ विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी (AAP) को हराकर एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की। भाजपा ने लगभग 27 साल बाद दिल्ली में अपनी सरकार बनाई, जबकि अरविंद केजरीवाल की AAP पार्टी को भारी हार का सामना करना पड़ा। यह चुनाव दिल्ली की राजनीति में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ, क्योंकि जहां एक तरफ भाजपा ने अपनी सशक्त रणनीति के साथ चुनावी रण में कदम रखा, वहीं दूसरी ओर AAP को कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों और विवादों ने कमजोर कर दिया। आइए, इस बार के चुनाव में AAP की हार और भाजपा की जीत के कारणों को समझते हैं।

1. पार्टी के बड़े नेताओं का जेल जाना

अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) ने तीन बार दिल्ली में सत्ता बनाई थी, और पार्टी की नीतियां आम आदमी को आकर्षित करने वाली थीं। हालांकि, 2024 में शराब नीति घोटाले से जुड़े विवादों में कई प्रमुख नेताओं की गिरफ्तारी ने पार्टी को बड़ी चोट पहुंचाई। अरविंद केजरीवाल के अलावा, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और संजय सिंह जैसे शीर्ष नेता भी लंबे समय तक जेल में रहे और जमानत पाने में असफल रहे। पार्टी के बड़े नेताओं का जेल जाना और उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप ने AAP के खिलाफ जनभावना को और मजबूत किया। केजरीवाल ने हमेशा VIP कल्चर पर सवाल उठाए थे, लेकिन इस बार उनके ही खिलाफ शीश महल और फिजूलखर्ची के आरोप सामने आए, जिसने भाजपा के हमले को और बल दिया।

- Advertisement -

2. मुफ्त योजनाओं का उल्टा असर

दिल्ली में AAP की लोकप्रियता का एक मुख्य कारण उनकी मुफ्त योजनाएं थीं, जैसे मुफ्त बिजली और पानी। हालांकि, इस चुनाव में भाजपा ने भी उसी रणनीति का पालन किया और मुफ्त योजनाओं का प्रचार शुरू किया। भाजपा ने महिलाओं, बच्चों, और ऑटो रिक्शा चालकों के लिए अपने चुनावी वादों में कई बड़े एलान किए। कांग्रेस भी इस दौड़ में पीछे नहीं रही, जिससे AAP के लिए चुनौती बढ़ गई। इस स्थिति ने ‘मुफ्त रेवड़ियों’ के खिलाफ भाजपा के विरोध को और मजबूत किया।

यह भी जरूर पढ़ें...

3. भाजपा का शीश महल विवाद उठाना

भा.ज.पा. ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा किया। पार्टी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास के निर्माण पर करोड़ों रुपये खर्च किए, जबकि दिल्ली की जनता को बुनियादी सुविधाओं का आभाव था। भाजपा ने इस मुद्दे को जनता तक पहुंचाने के लिए पोस्टर जारी किए और इसे चुनावी मुद्दा बना दिया। इस विवाद का असर चुनावी परिणामों पर पड़ा, क्योंकि भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार और सत्ता के गलत इस्तेमाल के रूप में पेश किया।

- Advertisement -

4. यमुना सफाई, सड़कें और जलभराव

यमुना नदी की सफाई के मुद्दे पर भी AAP को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। केजरीवाल और उनकी पार्टी ने हमेशा यमुना को साफ करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में रहते हुए भी नदी की सफाई का काम पूरा नहीं हो पाया। भाजपा ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संदर्भ में केजरीवाल को चुनौती दी। इसके अलावा, दिल्ली की खस्ताहाल सड़कें और जलभराव के मुद्दों ने भी AAP के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं।

5. भाजपा द्वारा ‘आप’ को आपदा घोषित करना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनावी प्रचार में AAP को ‘आपदा’ करार दिया, जिससे भाजपा के कार्यकर्ताओं का मनोबल और बढ़ गया। भाजपा ने इस चुनावी नारे के साथ AAP को निशाना बनाते हुए अपनी रणनीति बनाई। भाजपा ने उन योजनाओं का प्रचार किया, जो AAP सरकार ने दिल्ली में लागू नहीं की थीं, जैसे आयुष्मान योजना और किसानों के लिए लाभकारी योजनाएं। इस प्रचार ने दिल्ली की जनता के बीच भाजपा के पक्ष में लहर बनाई।

- Advertisement -

6. कांग्रेस का मजबूत चुनावी संघर्ष

पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को भारी हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने अपनी ताकत झोंकी और 6.62 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त किया। इसका असर AAP पर पड़ा, क्योंकि कांग्रेस का वोट बैंक बढ़ने के कारण AAP को नुकसान हुआ। कांग्रेस ने भी अपने चुनावी वादों को पूरी तरह से प्रचारित किया, जो AAP के लिए चुनौती बन गए।

हमें फॉलो करें
TAGGED:
Share This Article
Rupali kumawat
Sub Editor
Follow:
रुपाली कुमावत पिछले कई वर्षों से लेखन क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनको हिंदी कविताएं, कहानियां लिखने के अलावा ब्रेकिंग, लेटेस्ट व ट्रेंडिंग न्यूज स्टोरी कवर करने में रुचि हैं। उन्होंने राजस्थान यूनिवर्सिटी से BADM में M.Com किया हैं एवं पंडित दीनदयाल शेखावाटी यूनिवर्सिटी से family law में LL.M किया हैं। रुपाली कुमावत के लेख Focus her life, (राजस्थान पत्रिका), सीकर पत्रिका, https://foucs24news.com, खबर लाइव पटना जैसे मीडिया संस्थानों में छप चुके हैं। फिलहाल रुपाली कुमावत 89.6 एफएम सीकर में बतौर न्यूज कंटेंट राइटर अपनी सेवाएं दे रही हैं।
- Advertisement -

Latest News

Facebook

- Advertisement -
- Advertisement -