One State One RRB: भारत सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुगम एवं प्रभावी बनाने के लिए एक बड़े सुधार की तैयारी कर रही है। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 6 मई को एक महत्वपूर्ण बैठक की अगुवाई करेंगी, जिसमें ‘एक राज्य, एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक’ (One State, One RRB) नीति के तहत बैंकों के विलय की प्रगति पर चर्चा होगी।
बैंकों की संख्या घटकर 28 रह जाएगी
सरकार का यह कदम ग्रामीण बैंकों की कार्यक्षमता को बढ़ाने और संचालन लागत को कम करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है। इस योजना के तहत 11 राज्यों में स्थित 15 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (RRBs) को आपस में मिलाकर नए संस्थान बनाए जाएंगे। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद देश में मौजूदा 43 आरआरबी की संख्या घटकर 28 हो जाएगी। यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएगी।
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इन राज्यों में लागू होगा नया मॉडल
‘एक राज्य, एक आरआरबी’ योजना का लाभ आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों को मिलेगा। इन राज्यों में फिलहाल कई छोटे बैंक काम कर रहे हैं, जिन्हें मिलाकर एक ही बड़ा और सशक्त बैंक बनाया जाएगा। इससे प्रशासनिक सुविधा के साथ-साथ ग्राहकों को भी बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
किन बैंकों का होगा विलय?
- आंध्र प्रदेश: चैतन्य गोदावरी ग्रामीण बैंक, आंध्र प्रगति ग्रामीण बैंक, सप्तगिरी ग्रामीण बैंक और आंध्र प्रदेश ग्रामीण विकास बैंक को मिलाकर ‘आंध्र प्रदेश ग्रामीण बैंक’ बनाया जाएगा।
- उत्तर प्रदेश: बड़ौदा यूपी बैंक, आर्यावर्त बैंक और प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक के विलय से ‘उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक’ अस्तित्व में आएगा, जिसका संचालन बैंक ऑफ बड़ौदा देखेगा।
- पश्चिम बंगाल: बंगीय ग्रामीण विकास बैंक, पश्चिम बंग ग्रामीण बैंक और उत्तरबंग आरआरबी को मिलाकर ‘पश्चिम बंगाल ग्रामीण बैंक’ बनेगा, जिसका मुख्यालय कोलकाता में होगा।
इसी तरह, बिहार, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर में भी दो-दो बैंकों को मिलाकर एक नया संयुक्त बैंक बनाया जाएगा। इससे प्रत्येक राज्य में ग्रामीण बैंकिंग सेवाएं अधिक संगठित और कुशल तरीके से संचालित हो सकेंगी।