Baran Flood Rescue: राजस्थान के बारां जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। लगातार तेज बारिश के चलते जिले के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रमुख नदियों और तालाबों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे सड़कें डूब चुकी हैं और यातायात भी बाधित हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए फील्ड में मोर्चा संभाल लिया है।
प्रशासनिक अधिकारियों का मौके पर निरीक्षण
मंगलवार को जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर और पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने एडीएम जबर सिंह, तहसीलदार अभय राज सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। यह टीम ऊनी, केलवाड़ा, भंवरगढ़, किशनगंज और दैगनी पुलिया क्षेत्र पहुंची और वहां हालात का जायजा लिया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जलभराव वाले इलाकों में लगातार निगरानी रखें और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कराएं।
राजस्थान के बारां जिले में भारी बारिश से भंवरगढ़ थाने में तीन फुट तक पानी भर गया। कंप्यूटर, दस्तावेज और रिकॉर्ड खराब हो गए। थाना परिसर तालाब में तब्दील हो गया। pic.twitter.com/lvW267wbeA
— Abhishek (@Abhishe05305599) June 24, 2025
पार्वती नदी में फंसे 29 लोग और 2450 भेड़ें
बारां जिले की ख्यावदा ग्राम पंचायत सीमा में स्थित पीतामपुरा व रामपुरा के बीच के चारागाह में पाली, अजमेर, भीलवाड़ा और प्रतापगढ़ से आए भेड़पालक अपनी भेड़ों के साथ डेरा डाले हुए थे। अचानक पार्वती नदी का जलस्तर बढ़ने से वे नदी के बीच बने टापू में फंस गए। सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आया और एसडीआरएफ की टीम को मौके पर रवाना किया गया।
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प्रशासनिक दल दैगनी पुलिया होते हुए वहां पहुंचा, जहां 29 लोगों के साथ-साथ 2450 भेड़ें, 31 ऊंट, 1 खच्चर और 9 कुत्ते फंसे हुए थे। मौके पर पहुंचे अधिकारियों और रेस्क्यू टीम ने सभी को सुरक्षित बाहर निकालकर पास के रामपुरा सुंडा गांव के प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया। वहां खाने-पीने और रहने की अस्थायी व्यवस्था भी की गई।
जनहानि नहीं, प्रशासन की सतर्कता बनी राहत
सौभाग्य से इस पूरे घटनाक्रम में किसी की जान नहीं गई। जिला कलेक्टर और एसपी ने खुद मौके पर मौजूद रहकर राहत कार्यों की निगरानी की। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे इलाकों में न जाएं जहां पानी का बहाव तेज है या सड़कें डूबी हुई हैं।
राहत-बचाव दल मुस्तैद
प्रशासन की ओर से जिले के संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव दल तैनात कर दिए गए हैं। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जरूरत पड़ने पर त्वरित सहायता पहुंचाई जाए और स्थिति पर चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाए।
बारां जिले में फिलहाल मौसम की मार थमने का नाम नहीं ले रही, लेकिन प्रशासन की तत्परता ने बड़ी त्रासदी को टालने में अहम भूमिका निभाई है।