Robotic Heart Surgery in Rajasthan: राजस्थान में चिकित्सा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित हुआ है। जयपुर स्थित मणिपाल हॉस्पिटल में पहली बार रोबोटिक तकनीक से हार्ट की सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। इस सर्जरी को मणिपाल हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियक सर्जन, डॉ. ललित आदित्य मलिक की टीम ने अंजाम दिया। डॉ. मलिक ने बताया कि तीन मरीजों की हार्ट सर्जरी रोबोट द्वारा की गई, जिसमें एक महिला और दो पुरुष शामिल थे। तीनों ही मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
रोबोटिक सर्जरी से पहले हार्ट सर्जरी में छाती को काटकर ऑपरेशन किया जाता था, जिसके कारण मरीज की छाती पर 9-10 इंच तक लंबा निशान रह जाता था। लेकिन, इस नई तकनीक में बिना किसी बड़े चीरे के और बिना हड्डी काटे, केवल एक छोटे से छेद से सर्जरी की जाती है। इस तकनीक से मरीज को कम दर्द होता है और रिकवरी भी तेज होती है।
डॉ. ललित आदित्य मलिक ने बताया कि हार्ट की सभी प्रकार की सर्जरी, जैसे बायपास सर्जरी और वाल्व रिप्लेसमेंट, रोबोटिक तकनीक से की जा सकती है। हाल ही में की गई तीन सर्जरी में से दो मरीजों को बायपास सर्जरी की आवश्यकता थी, जबकि एक मरीज के हार्ट में बड़ा छेद था, जिसे रोबोट से बंद किया गया। इन सर्जरी के दौरान ना तो किसी हड्डी को काटा गया और ना ही कोई बड़ा चीरा लगाया गया, जो कि प्रचलित तकनीक से बहुत अलग था।
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रोबोटिक सर्जरी के फायदे कई हैं। इस तकनीक से मरीज को अस्पताल में कम समय बिताना पड़ता है और रिकवरी भी तेजी से होती है। मरीज मात्र 2-3 दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज हो सकते हैं, जिससे वे जल्दी अपने सामान्य जीवन में लौट आते हैं। इसके अलावा, रक्तस्राव भी कम होता है और मरीज को खून चढ़ाने की आवश्यकता ना के बराबर होती है।
यह सर्जरी राजस्थान में पहली बार की गई है, जबकि इस तकनीक का उपयोग दिल्ली, बेंगलुरु, और मुंबई जैसे बड़े शहरों में पहले से हो रहा है। मणिपाल हॉस्पिटल के डायरेक्टर रंजन ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि यह नई तकनीक अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं में सुधार का हिस्सा है और भविष्य में भी वे राज्य के लोगों के लिए ऐसी और नई तकनीकों का उपयोग करेंगे।
इस नई रोबोटिक तकनीक से सर्जरी करने के बाद, मणिपाल हॉस्पिटल जयपुर ने यह साबित कर दिया है कि अब राजस्थान में भी उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हैं, जो मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही हैं।