Jhalawar School Tragedy: राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में शुक्रवार सुबह एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत की छत गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई, जबकि 28 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के वक्त स्कूल में कुल 60 बच्चे मौजूद थे, जिनमें से 35 मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और बच्चों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया।
अस्पताल में उपचार और गंभीर स्थिति की जांच
प्राथमिक उपचार के बाद 25 गंभीर रूप से घायल बच्चों को झालावाड़ जिला अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों की टीम लगातार घायलों की हालत पर नजर बनाए हुए है। इस हादसे ने राज्य में मौजूद जर्जर स्कूल इमारतों की खतरनाक स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
ग्रामीणों का विरोध और सड़क जाम
घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने मुआवजे की मांग और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के मौके पर आने की मांग को लेकर मनोहरथाना-अकलेरा मार्ग को जाम कर दिया। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ और एसपी अमित कुमार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया।
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शिक्षा विभाग की कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए स्कूल की हेडमास्टर मीना गर्ग और अन्य चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी झालावाड़ के लिए रवाना हो गए हैं और घटनास्थल का दौरा करेंगे।
मानवाधिकार आयोग का संज्ञान
राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने इस गंभीर हादसे का स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। जिला कलेक्टर और अन्य संबंधित अधिकारियों से जल्द रिपोर्ट मांगी गई है।
प्रशासनिक लापरवाही की जांच
हादसे के बाद प्रशासन ने स्कूल की शेष जर्जर इमारत को जेसीबी से गिरा दिया, जिससे सबूतों के नष्ट होने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, ग्रामीणों ने प्रशासन से संयम बनाए रखने और पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की अपील की है।