Rajasthan News: भजनलाल सरकार की महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बनाए गए नए जिलों और संभागों को निरस्त करने का फैसला लिया है। इस बैठक में गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से 9 को खत्म कर दिया गया है, और साथ ही 3 नए संभागों – पाली, सीकर और बांसवाड़ा – को भी निरस्त कर दिया गया।
नए जिलों और संभागों का निरस्तीकरण
राजस्थान में अब कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने बैठक के बाद इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गहलोत सरकार के समय चुनावी समय में नए जिलों का गठन किया गया था, लेकिन इन जिलों के गठन के मापदंड पूरे नहीं थे। इसलिए मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सिर्फ आठ जिलों को यथावत रखा जाएगा, जबकि बाकी जिलों को निरस्त किया जाएगा।
निरस्त किए गए जिले
कैबिनेट बैठक में जिन जिलों को निरस्त किया गया है, उनमें निम्नलिखित जिले शामिल हैं:
यह भी जरूर पढ़ें...
New Rules 1 June 2025: ‘ATM, Credit Card से लेकर LPG तक’, आज से बदल गए ये 8 नियम, आप भी नोट कर लीजिए
- दूदू
- केकड़ी
- शाहपुरा
- नीमकाथाना
- गंगापुर सिटी
- जयपुर ग्रामीण
- जोधपुर ग्रामीण
- अनूपगढ़
- सांचौर
इसके साथ ही उन तीन जिलों का गठन भी निरस्त कर दिया गया, जिनकी अधिसूचना जारी नहीं हो पाई थी। इनमें मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन शामिल थे।
यथावत रहने वाले जिले
मंत्री जोगाराम पटेल के अनुसार, कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के तहत कुछ जिले यथावत रहेंगे। इनमें बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन, फलोदी, डीग और संलूबर जिले शामिल हैं। इन जिलों को कोई भी परिवर्तन नहीं किया जाएगा और वे पूर्ववत् बने रहेंगे।
निरस्त किए गए तीन संभाग
गहलोत सरकार के समय बनाए गए तीन नए संभागों को भी निरस्त कर दिया गया है। ये तीन संभाग है:
- पाली
- बांसवाड़ा
- सीकर
इन संभागों का गठन अब निरस्त कर दिया गया है, और राज्य में पहले की तरह सात ही संभाग रहेंगे।
कैबिनेट बैठक में लिया गया निर्णय
यह निर्णय मुख्यमंत्री भजनलाल सरकार की तरफ से एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है। मंत्री जोगाराम पटेल और सुमित गोदारा ने बताया कि यह कदम राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को सुधारने और बेहतर तरीके से कामकाज करने के लिए उठाया गया है। गहलोत सरकार के समय बने जिलों के गठन में कई मापदंड पूरे नहीं किए गए थे, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया।