Rajasthan News: सवाई माधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा में रविवार को नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर सर्व समाज महापंचायत आयोजित की गई। इस महापंचायत में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मुख्य वक्ता कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी कि यदि 15 दिसंबर तक नरेश मीणा और उनके साथियों को न्याय नहीं मिला, तो 17 दिसंबर से राजस्थान की सड़कों पर बड़ा आंदोलन शुरू होगा।
महापंचायत का माहौल और सुरक्षा के इंतजाम
चौथ का बरवाड़ा में सुबह से ही प्रशासन सतर्क था। महापंचायत को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। दोपहर में शुरू हुई इस सभा में युवाओं और समाज के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
मुख्य वक्ता प्रहलाद गुंजल ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन का रवैया अंग्रेजी हुकूमत की याद दिलाता है। उन्होंने कहा, “समरावता गांव में प्रशासन द्वारा किया गया अत्याचार जलियांवाला बाग की घटनाओं को भी पीछे छोड़ता है।” गुंजल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह लड़ाई अब आर-पार की होगी।
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सरकार पर आरोप और मांगें
पूर्व आईएएस अधिकारी टीकाराम मीणा ने चुनाव के दौरान प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की गलतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। वहीं, पूर्व अधिकारी केसी घुमरिया ने कहा कि जब तक न्यायिक जांच पूरी नहीं होती और दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसान सभा जिला अध्यक्ष कांजी मीणा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि नरेश मीणा और अन्य युवाओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो प्रदेशभर में कानून व्यवस्था बिगड़ने के लिए सरकार जिम्मेदार होगी।
महापंचायत का नतीजा और आगे की रणनीति
महापंचायत में निर्णय लिया गया कि 15 दिसंबर तक सरकार को रिहाई और न्याय की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। अन्यथा, 17 दिसंबर से प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। सभा में कई जिलों के बड़े पदाधिकारी और समाज के नेता शामिल हुए।