Sharad Purnima 2025: सोमवार, 6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन का खास महत्व है क्योंकि चांदनी रात में खीर बनाकर रखी जाती है, जिसे अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस बार सोमवार को पड़ने के कारण यह और भी खास बन गया है। लेकिन पंचक और भद्रा के चलते लोग असमंजस में हैं कि सही समय पर खीर कैसे रखें।
पंचक और भद्रा का असर
इस साल शरद पूर्णिमा के दिन पंचक और भद्रा का साया है। पंचक 3 अक्टूबर से शुरू होकर 8 अक्टूबर तक रहेगा। वहीं, भद्रा काल 6 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से रात 10:53 बजे तक रहेगा। भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करने से बचा जाता है, इसलिए इस समय खीर को चांदनी में नहीं रखना चाहिए।
खीर रखने का सही समय
पंचांग के अनुसार, 6 अक्टूबर को रात 10:38 बजे से 12:08 बजे तक लाभ-उन्नति मुहूर्त रहेगा। हालांकि, भद्रा का समय रात 10:53 बजे तक है, इसलिए खीर को चांद की रोशनी में रखने का सही समय रात 10:53 बजे के बाद ही रहेगा। चंद्रमा का उदय शाम 5:27 बजे होगा, लेकिन खीर रखने के लिए इंतजार करना सही रहेगा।
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चंद्रमा की खासियत
शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। मान्यता है कि इस रात चांद की रोशनी अमृत समान होती है। इसलिए घर की छत या बालकनी में खीर बनाकर रखी जाती है और फिर अगले दिन भगवान को भोग लगाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण की जाती है। यह परंपरा लोगों की आस्था और विश्वास से जुड़ी हुई है।
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