Sikar Kumawat Samaj Samuhik Vivah Sammelan: जब सीकर शहर की सड़कों पर एक साथ 21 दूल्हे घोड़ियों पर सवार होकर निकले, तो हर कोई यह नजारा देखने को ठहर गया। सोनी धर्मशाला से जैसे ही शाम 6 बजे दूल्हों की बारात रवाना हुई, पूरे शहर का माहौल शादी के रंग में रंग गया। नजारा इतना भव्य था कि हर कोई यही कह रहा था– “ऐसी बारात तो पहली बार देखी!” यह अद्भुत दृश्य कुम्हार कुमावत समाज द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन का था, जो अक्षय तृतीया (30 अप्रैल) के शुभ अवसर पर हुआ।
21 जोड़ों ने लिए एक साथ फेरे, समाज ने उठाया पूरा खर्च
कुम्हार कुमावत समाज की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में 21 जोड़ों ने एक साथ परिणय सूत्र में बंधकर समाज को एकता, सहयोग और सादगी की मिसाल दी। समिति के मुख्य संयोजक राधेश्याम काम्या और मनोहरलाल चतेरा ने बताया कि यह पहल 2019 से शुरू हुई थी, जिसके तहत अब तक 35 जोड़ों की शादी कराई जा चुकी है। इस बार समारोह में समाज ने सभी जोड़ों का पूरा विवाह खर्च उठाया और उन्हें शानदार उपहार भी दिए।
नवविवाहित जोड़ों को मिले 30 से अधिक उपहार
समिति की ओर से नवविवाहित जोड़ों को डबल बेड, अलमारी, बक्सा, कूलर, फ्रिज, एलईडी, ड्रेसिंग टेबल, सिलाई मशीन, सोने-चांदी के आभूषण और दुल्हन की बरी समेत 30 से अधिक जरूरी वस्तुएं भेंट की गईं। यह कदम समाज में जरूरतमंद परिवारों की मदद करने और शादी के खर्च को कम करने की दिशा में एक अनुकरणीय प्रयास है।
भव्य समारोह में जुटे कई गणमान्य अतिथि
नितेश पारमुवाल ने बताया कि इस आयोजन की अध्यक्षता राष्ट्रीय भामाशाह और समाजसेवी मूलचंद कारगवाल ने की। समारोह में नगरीय विकास व आवासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा, माटी कला बोर्ड अध्यक्ष प्रहलाद टांक, पद्मश्री सुंडाराम वर्मा, विधायक राजेन्द्र पारीक, पूर्व विधायक रतनलाल जलधारी, नवचयनित IAS जितेंद्र कुमावत, भाजपा नेता गजानंद पारमुवाल, मनोज बाटर, जीवन खान, महेश शर्मा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

समाज में मितव्ययता और बेटियों को प्रोत्साहन का संदेश
कार्यक्रम के अध्यक्ष रामवतार जलांधरा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य समाज में फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर सादगी से विवाह की परंपरा को बढ़ावा देना है, ताकि बेटियों की शादी बोझ न बने बल्कि उत्सव बन सके। समारोह में सहयोग देने वाले 250 से अधिक लोगों का सम्मान भी किया गया।
समाज की एकजुटता का प्रतीक बना सम्मेलन
इस पूरे आयोजन में समिति के विभिन्न पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने जी-जान से भाग लिया। संचालन आरसी देहीवाल और नवीन दक्ष ने किया। इस सामूहिक विवाह सम्मेलन ने साबित कर दिया कि जब समाज एकजुट होता है, तो हर खुशी साझा होती है और बोझ हल्का बन जाता है।