Apara Ekadashi May 2025 Kab hai: सनातन धर्म में एकादशी तिथि को अत्यंत पावन और फलदायी माना गया है। यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना के लिए समर्पित होता है। कहा गया है कि जो भक्त श्रद्धा और नियमपूर्वक एकादशी व्रत करता है, उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और उसके जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं मई 2025 की अपरा एकादशी की तिथि, पूजा विधि और धार्मिक महत्व।
Apara Ekadashi May 2025: तिथि एवं समय
- अपरा एकादशी व्रत तिथि: 23 मई 2025, शुक्रवार
- एकादशी आरंभ: 23 मई, रात 01:12 बजे
- एकादशी समाप्त: 23 मई, रात 10:29 बजे
- व्रत तिथि मान्य: 23 मई (उदय काल के अनुसार)
Apara Ekadashi May 2025: इस व्रत की विशेषता
- यह व्रत विशेष पुण्य प्रदान करता है।
- आत्मशुद्धि और पापों से मुक्ति के लिए इसे श्रेष्ठ माना गया है।
- पौराणिक महत्व
- अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष में आती है।
- इसे अचला एकादशी भी कहा जाता है।
- शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन व्रत करने से पितरों को शांति मिलती है और सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति भी संभव है।
Apara Ekadashi May 2025: एकादशी व्रत का महत्व
- शास्त्रों में वर्णित है कि इससे संचित और क्रियामान पाप नष्ट हो जाते हैं।
- भगवान विष्णु की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- माता लक्ष्मी की कृपा से धन और अन्न की वृद्धि होती है।
- पांडवों ने भी इस व्रत का पालन किया था। भीमसेन ने केवल निर्जला एकादशी का पालन कर इसकी महिमा को स्वीकार किया।
Apara Ekadashi May 2025: व्रत एवं पूजन विधि
- प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या विष्णु सहस्रनाम का जाप करें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति पर पुष्प, तुलसी दल, चंदन आदि अर्पित करें।
- दिनभर फलाहार करें और रात में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
- द्वादशी के दिन ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
आध्यात्मिक संदेश
एकादशी केवल व्रत नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण और आध्यात्मिक उत्थान का भी अवसर है। मई 2025 की अपरा एकादशी अत्यंत पुण्यदायी मानी गई है। श्रद्धा, नियम और भक्ति से किया गया व्रत न केवल सांसारिक दुखों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
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इस पावन अवसर पर आइए, तन-मन-धन से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना में लीन हों।
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