Janmashtami 2024: जन्माष्टमी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व भगवान कृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस वर्ष जन्माष्टमी की तिथि को लेकर कंफ्यूजन है कि ये 26 को है या 27 अगस्त को।
जन्माष्टमी तिथि और समय (Janmashtami 2024 Date and Time)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 25 अगस्त, 2024 दिन रविवार को रात 03 बजकर 39 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 26 अगस्त, 2024 दिन सोमवार को रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी 26 अगस्त को मनाई जाएगी।
भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा जन्माष्टमी के अवसर पर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप ‘लड्डू गोपाल’ की पूजा की जाती है। इस पूजा से घर में संपन्नता बढ़ती है और भगवान कृष्ण भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। मान्यता है, कि इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।
जन्माष्टमी का महत्व
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। हर साल इसी तिथि पर जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत संतान सुख से वंचित दंपतियों के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
गोकुल और वृंदावन में उत्सव जन्माष्टमी के अगले दिन गोकुल और वृंदावन में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस साल 27 अगस्त को इन स्थानों पर भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में भी भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी का शुभ योग
इस साल जन्माष्टमी के अवसर पर कई शुभ योग बन रहे हैं। रोहिणी नक्षत्र के साथ शुभ योग, जयंती योग और सिद्धि योग का शुभ सहयोग इस पर्व को और भी फलदायक बना रहा है। इस शुभ सहयोग में भगवान कान्हा जी के जन्मोत्सव का व्रत करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
जन्माष्टमी का पर्व केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता, बल्कि यह उत्सव प्रेम, भक्ति और उल्लास का प्रतीक है। भगवान कृष्ण की पूजा और व्रत रखने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की कृपा से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण हो और उनके जीवन में खुशियों की बौछार हो।