Ad image
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar

Katha – जानें भगवान गणेश के सिर कटने के पीछे का कारण, महादेव ने भी दुखाया था एक पिता का दिल

Monika Agarwal
Written by: Monika Agarwal - Freelance Writer
3 Min Read

Katha-पौराणिक कथाओं के अनुसार मां पार्वती जब किसी काम के लिया खुद को अकेला करना चाहती थी तो वह शिवजी के सेवकों को दरवाजे पर खड़ा कर देती थी ताकि वह किसी को भी अंदर न जाने दे सकें लेकिन यह सेवक प्रभु शिव को नहीं रोक पाते थे। मां पार्वती को इस बात पर काफी गुस्सा आता था क्योंकि उन्हें लगता था की ऐसा करके सेवक उनकी बात की आज्ञा नहीं कर रहे हैं। ऐसा होने पर मां ने मिट्टी का एक द्वारपाल बना दिया। इस द्वारपाल को देख कर ऐसा लगता था मानो कोई शिशु है इसलिए मां पार्वती के करुणमयी हृदय ने इसे अपना बच्चा मान लिया और इसका नाम विनायक रख दिया।

Advertisement

Ganesha Strotam – अपने जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए गणेश स्त्रोतम का करें उच्चारण

जब मां पार्वती स्नान करने गई तो विनायक को बोल कर गई की बेटा किसी को भी अंदर नहीं आने देना। इस समय विनायक को धरती पर आए कुछ ही समय हुआ था इसलिए उसे किसी भी चीज का ज्ञान नहीं था। जब शिवजी आए तो विनायक ने उन्हें भी द्वार पर रोक दिया। शिवजी के कहने पर भी वह उन्हें अंदर नहीं जाने दे रहा था जिस वजह से शिवजी को काफी क्रोध आया और उन्होंने अपने त्रिशूल से इस बालक का सिर काट दिया। इस पर मां पार्वती काफी क्रोधित हो गई और शिवजी से विलाप करने लगी। ऐसा करने पर शिवजी ने हाथी का सिर ला कर इस बच्चे के सिर पर लगा दिया और उसमें दुबारा से प्राण डाल दिए।

यह भी जरूर पढ़ें...

Advertisement

एक ऋषि ने शिवजी को श्राप दिया था और उसकी वजह से ही कुछ ऐसा हुआ की भगवान शिव ने अपने ही पुत्र के सिर को त्रिशूल से काट दिया। यह कश्यप ऋषि थे। एक बार माली और सुमाली नाम के दो राक्षस थे और वह भगवान शिव की पूजा करने लगे। जब शिवजी उनसे प्रसन्न हुए तो वह शिवजी से सूर्यदेव की निंदा करने लगे की उनकी राशि में सूर्य देव के नकारत्मक प्रभाव के कारण उन्हें काफी पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। जब महादेव ने सूर्य देव से इनकी पीड़ा कम करने के लिए कहा तो सूर्य देव ने नियमों का हवाला दे कर ऐसा करने से मना कर दिया क्योंकि यह दोनों राक्षस थे। इस पर शिवजी को गुस्सा आया और उन्होंने सूर्यदेव का सिर काट दिया। जब सूर्यदेव के पिता को यह बात चली तो वह बहुत दुखी हुए और इस समय कश्यप ऋषि यानी सूर्यदेव के पिता ने महादेव को ऐसा ही दुख भोगने का श्राप दिया।

Want a Website like this?

Designed & Optimized by Naveen Parmuwal
Journalist | SEO | WordPress Expert

Contact Me
Share This Article
Freelance Writer
Freelance Writer at FM Sikar.
°C | °F
📍 Detect Location
Loading weather...
Powered By FM Sikar
🏠 Home 📢 Breaking News
📢 Breaking News:
News in Image Share Link