Maa Durga Adishakti-चैत्र का महीना शुरू हो चुका है और इस महीने में नवरात्रि आती हैं जिनका धार्मिक महत्त्व बहुत अधिक है। इन दिनों में 9 दिन तक मां दुर्गा के अलग अलग रूपों की पूजा की जाती है और भक्त जन मां के लिए व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है की इन दिनों में मां स्वयं धरती पर आती हैं और जो उनकी पूजा सच्चे दिल और भक्ति भावना से करता है उनकी सारी मुरादें पूरी करती हैं। लेकिन आप को मां दुर्गा से जुड़ी कुछ बातों का जरूर पता होना चाहिए। आइए जान लेते हैं इन बातों के बारे में।
Durga Saptshati-का पूरा पाठ इन 7 श्लोकों में समाया है
कैसे प्रकट हुई देवी दुर्गा?
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जब राक्षसों का अत्याचार काफी ज्यादा बढ़ गया था तो सब देवता मदद मांगने के लिए ब्रह्मा जी के पास गए थे। ब्रम्हा जी ने तब उन्हें बताया की इन राक्षसों का अंत केवल एक कुंवारी कन्या ही कर सकती है। इसके बाद सब देवताओं ने मिल कर एक जगह पर अपने तेज को इकठ्ठा किया और मां दुर्गा (Maa Durga Adishakti) का जन्म हुआ।
इस वजह से कहलाई मां आदिशक्ति
मां दुर्गा (Maa Durga Adishakti) को राक्षसों के वध के लिए अपार शक्ति की जरूरत थी और सभी देवताओं ने इसमें अपना योगदान दिया। शिवजी ने अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, हनुमान जी ने अपनी गदा , श्री राम ने धनुष, अग्नि ने शक्ति और बाणों से भरे तरकश, वरुण ने दिव्य शंख, प्रजापति ने सफ्टिक, मणियों की माला, इंद्र ने वज्र, मां लक्ष्मी ने कमल का फूल, शेष नाग ने मणियों से सुशोभित नाग, वरुण देव ने पाश और तीर, ब्रम्हा जी ने चारों वेद, हिमालय ने सिंह की सवारी देवी दुर्गा को दी।
इन सारी अपार शक्तियों को धारण करने के बाद देवी का रूप राक्षसों को काफी भयावह दिखा। मां दुर्गा के पास ऐसी शक्तियां थी जो किसी के पास भी नहीं थी। अपनी इस दिव्यता के कारण ही वह आदिशक्ति कहलाई।
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