Makar Sankranti 2025: नए साल के आगमन के साथ त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है। जनवरी माह में मकर संक्रांति के साथ पर्वों की शुरुआत होती हैं। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। वर्ष 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस पर्व का महत्व न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यधिक है। आइए जानते हैं इसके विभिन्न पहलुओं को विस्तार से।
मकर संक्रांति का ज्योतिषीय महत्व
खरमास का अंत और शुभ कार्यों की शुरुआत
मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जिससे खरमास समाप्त होता है। इस समय को अत्यंत पुण्यकारी और शुभ कार्यों के आरंभ के लिए उपयुक्त माना गया है।
यह भी जरूर पढ़ें...
New Rules 1 June 2025: ‘ATM, Credit Card से लेकर LPG तक’, आज से बदल गए ये 8 नियम, आप भी नोट कर लीजिए
सूर्य का गोचर और राशियों पर प्रभाव
1. मेष राशि: कार्य क्षेत्र में सफलता, धन और मित्रता में वृद्धि।
2. वृष राशि: आय में कमी, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक अशांति।
3. मिथुन राशि: खर्च में वृद्धि, अपमान और शारीरिक पीड़ा।
4. कर्क राशि: दाम्पत्य जीवन में तनाव और कष्टकारी यात्राएं।
5. सिंह राशि: शत्रु पर विजय, सुख और कार्य सिद्धि।
6. कन्या राशि: मानसिक भ्रम, निर्णय में गलतियां और कष्ट।
7. तुला राशि: घरेलू समस्याएं और जमीन-जायदाद से जुड़े विवाद।
8. वृश्चिक राशि: शत्रुओं पर विजय, मान-सम्मान और स्वास्थ्य लाभ।
9. धनु राशि: मित्रों से झगड़ा, व्यापार में हानि।
10. मकर राशि: धन हानि, कार्यों में विलंब और मानसिक अशांति।
11. कुम्भ राशि: विदेश यात्रा, अपमान और कठिनाइयां।
12. मीन राशि: धन लाभ, नए अवसर और स्वास्थ्य लाभ।
शुभ स्नान और दान का महत्व
शुभ मुहूर्त:
पुण्य काल: सुबह 09:03 से शाम 05:46 तक।
महा पुण्य काल: सुबह 09:03 से रात 10:48 तक।
दान का महत्व और लाभ:
मकर संक्रांति पर दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
क्या दान करें?
तिल और चावल।
गर्म कपड़े।
कांसे के बर्तन।
चांदी।
गरीबों को भोजन।
दान के लाभ:
पापों का नाश।
मोक्ष की प्राप्ति।
घर में सुख-शांति और समृद्धि।
सांस्कृतिक और सामाजिक संदेश
पर्व का उत्सव और परंपराएं
मकर संक्रांति केवल धार्मिक पर्व नहीं है, यह सामाजिक समरसता और परोपकार का संदेश भी देता है। इस दिन पतंगबाजी, सामूहिक भोज और उत्सव की परंपरा इसे और खास बनाती है।
सूर्य उत्तरायण का महत्व
ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं, जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभ कार्यों का संकेत है।
2025 की मकर संक्रांति को खास बनाएं
इस मकर संक्रांति, शुभ स्नान, दान और भगवान सूर्य की उपासना करके अपने जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि लाएं। यह पर्व न केवल धार्मिक कृत्यों के लिए बल्कि आत्मिक शुद्धि और सामाजिक कल्याण के लिए भी यादगार बनाएं।