November 2024 Festival List with date: नवंबर 2024 का महीना हिंदू धर्म में कई प्रमुख त्यौहारों और व्रतों से भरा हुआ है। गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ समेत कई प्रमुख त्योहार नवंबर माह में आने वाले हैं। इन पर्वों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है। आइए जानते हैं इस महीने के विशेष त्यौहार और व्रतों के बारे में-
2 नवंबर: गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर गोकुलवासियों की रक्षा करने की कथा से जुड़ा है। इसे अन्नकूट भी कहा जाता है, जिसमें भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है।
3 नवंबर: भाई दूज
भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक त्योहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी आयु और समृद्धि की कामना करते हुए उन्हें तिलक करती हैं और मिठाई खिलाती हैं।
7 नवंबर: छठ पूजा
छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल में मनाया जाने वाला पर्व है। इस दिन सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है। लोग उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं।
12 नवंबर: देवोत्थान एकादशी
देवोत्थान एकादशी का दिन बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं। इसे हरिशयनी एकादशी के चार महीने बाद मनाया जाता है और इस दिन से विवाह और शुभ कार्यों का आरंभ होता है।
13 नवंबर: प्रदोष व्रत (शुक्ल)
प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष होता है और शुक्ल पक्ष में आने वाले प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है।
15 नवंबर: कार्तिक पूर्णिमा व्रत
कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में सबसे पवित्र तिथियों में से एक मानी जाती है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है और इसे देव दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन दीपदान और दान का बहुत महत्व होता है।
16 नवंबर: वृश्चिक संक्रांति
वृश्चिक संक्रांति तब होती है जब सूर्य देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करते हैं। यह दिन धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। संक्रांति के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और यह जीवन में सुख-समृद्धि लाता है।
18 नवंबर: संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित व्रत है। यह व्रत हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इस दिन उपवास रखकर भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं। यह व्रत विशेष रूप से संतान सुख और मानसिक शांति की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
26 नवंबर: उत्पन्ना एकादशी
उत्पन्ना एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की आराधना के लिए रखा जाता है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे उत्पन्ना इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन मां एकादशी का प्रादुर्भाव हुआ था।
28 नवंबर: प्रदोष व्रत (कृष्ण)
प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को आता है और इस बार यह कृष्ण पक्ष में पड़ रहा है। प्रदोष काल, यानी सूर्यास्त के समय, भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत रखने से सभी प्रकार के दोषों का निवारण होता है और भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
29 नवंबर: मासिक शिवरात्रि
मासिक शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए होता है। मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। शिव भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
नवंबर का अंत भी कई धार्मिक पर्वों और व्रतों से परिपूर्ण है। इन व्रतों को श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से जीवन में सकारात्मकता, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।