Ravi Pradosh-हर महीने दो प्रदोष व्रत मनाए जाते हैं। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत मनाए जाते हैं। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। इस महीने में 21 अप्रैल को प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। शिव पुराण में भी इस व्रत को करने का गुणगान किया गया है। ऐसा माना जाता है जो सच्चे दिल से भगवान शंकर को समर्पित इस व्रत को करते हैं उन्हें आरोग्य जीवन प्राप्त होता है। इस बार रवि प्रदोष व्रत पर शिववास समेत कुछ और भी शुभ संयोग बन रहे हैं। आइए जान लेते हैं उन शुभ संयोगों के बारे में।
Pradosh Vrat – रिश्ते में मधुरता लाने के लिए करें प्रदोष व्रत पर यह उपाय
Ravi Pradosh शुभ मुहूर्त
21 अप्रैल को रवि प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। यह तिथि 20 अप्रैल को रात 10 बज कर 41 मिनट पर शुरू हो रहा है और 22 अप्रैल को रात में 1 बज कर 11 मिनिट पर समाप्त होगी। भगवान शिव की पूजा इस व्रत में शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है। (Ravi Pradosh) प्रदोष काल का समय शाम 6 बज कर 51 मिनट से लेकर 9 बज कर 2 मिनट तक रहेगा। Ravi Pradosh दौरान भगवान शिव की पूजा करें।
Ravi Pradosh शुभ संयोग
इस दिन सरवार्थ सिद्धि योग बन रहा है। यह (Ravi Pradosh) योग दिन भर है। वहीं रवि योग शाम 5 बज कर 8 मिनिट से शुरू हो रहा है और अगले दिन सुबह 5 बज कर 48 मिनट तक है। इसी समय अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। अभिजीत मुहूर्त 11 बज कर 54 मिनट से लेकर दोपहर 12 बज कर 46 मिनट तक है। इसके अलावा कौलव करण का योग सुबह 11 बज कर 57 मिनट तक है। इसके बाद तैतिल करण का योग बन रहा है। इसी दिन शिव वास का भी अदभुत योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव अपने वाहन नंदी पर विराजमान होंगे।