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Sharad Purnima 2024 Upay: शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण के इस मंत्र का करें जाप, ये उपाय लगाएंगे बेड़ा पार

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Sharad Purnima 2024 Upay: शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस दिन श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए 'ॐ राधावल्लभाय नमः' मंत्र का जाप किया जाता है। यह मंत्र प्रेम, आनंद और सौहार्द्र को बढ़ावा देता है।

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
4 Min Read

Sharad Purnima 2024 Upay: शरद पूर्णिमा, जिसे कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। इस दिन चंद्रमा की किरणें विशेष रूप से अमृतमयी मानी जाती हैं। इस रात श्रीकृष्ण और राधा की उपासना करने से अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं, विशेष रूप से प्रेम संबंधों में मिठास और समर्पण बढ़ता है।

श्रीकृष्ण और राधा की उपासना का दिन

शरद पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा की उपासना करने का विशेष महत्व है। इस दिन श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए ‘ॐ राधावल्लभाय नमः’ मंत्र का जाप किया जाता है। यह मंत्र प्रेम, आनंद और सौहार्द्र को बढ़ावा देता है।

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उपासना की विधि

1. संध्या काल में उपासना:
शरद पूर्णिमा की शाम भगवान श्रीकृष्ण और राधा की उपासना करने से मानसिक शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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2. गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें:
गुलाब प्रेम का प्रतीक होता है। भगवान को गुलाब की माला अर्पित करने से संबंधों में मिठास और सद्भाव आता है।

3. मध्य रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य दें:
सफ़ेद वस्त्र पहनकर चंद्रमा को अर्घ्य देने से चंद्रमा की अमृतमयी किरणों का आशीर्वाद मिलता है। यह आशीर्वाद स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए उत्तम माना जाता है।

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4. मंत्र जाप:
‘ॐ राधावल्लभाय नमः’ मंत्र का तीन माला जाप प्रेम, समर्पण और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। यह मंत्र रिश्तों में स्थायित्व और प्रेम को गहराई प्रदान करता है।

5. भगवान को चढ़ाई माला अपने पास रखें:
उपासना के बाद भगवान को चढ़ाई गई माला को अपने पास रखने से भगवान की कृपा सदैव बनी रहती है। यह माला प्रेम संबंधों को मजबूत करने में सहायक होती है।

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शरद पूर्णिमा के अन्य पहलू

1. फसल कटाई का पर्व:
शरद पूर्णिमा को फसल कटाई का त्योहार भी माना जाता है। यह समय कृषि में नई ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक होता है।

2. वर्षा ऋतु का अंत और शरद ऋतु की शुरुआत:
इस पर्व को मानसून के अंत और शरद ऋतु की शुरुआत का सूचक माना जाता है। इस दिन वातावरण शुद्ध और स्वास्थ्यवर्धक होता है।

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3. कोजागरी पूर्णिमा:
बंगाल, त्रिपुरा, और असम में इसे कोजागरी पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। ‘कोजागरी’ का मतलब है ‘जो जाग रहा है’, यानी जो इस रात जागकर भगवान की उपासना करता है, उसे धन, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।

4. व्रत और पवित्र स्नान:
शरद पूर्णिमा पर व्रत रखने और पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। यह व्रत और स्नान जीवन में पवित्रता और आध्यात्मिक उन्नति लाता है।

प्रेम संबंधों में मिठास और मनचाहा प्रेम

शरद पूर्णिमा पर श्रीकृष्ण और राधा की उपासना करने से प्रेम संबंधों में मिठास बढ़ती है। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए शुभ होता है जो अपने जीवन में प्रेम और समर्पण की तलाश में होते हैं।

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Bharti Sharma
Sub Editor
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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।
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