सोमवार की महिमा: सोमवार का दिन भगवान शिव और चंद्र देव की उपासना के लिए विशेष माना जाता है। ‘सोम’ का अर्थ चंद्रमा होता है, और यह दिन शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम है क्योंकि चंद्रमा शिव के मस्तक की शोभा बढ़ाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के समय भगवान शिव ने कालकूट विष को अपने कंठ में धारण किया और नीलकंठ कहलाए। चंद्र देव ने शिव की आराधना कर उनके मस्तक पर स्थान पाया। इस दिन व्रत रखने से शिव और चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
सोमवार की पूजा विधि और महत्व
सोमवार को भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से अनेक लाभ होते हैं। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए, जबकि विवाहित स्त्रियां पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन व्रत रखने से स्वास्थ्य, धन और समृद्धि में वृद्धि होती है। सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग को गंगाजल से स्नान कराएं। पंचामृत अभिषेक कर, बेलपत्र, धतूरा और फूल अर्पित करें। शिव चालीसा या रुद्राष्टक का पाठ करें और आरती गाकर पूजा समाप्त करें। अंत में चंद्रमा को अर्घ्य दें और ‘ॐ चंद्राय नमः’ मंत्र का जाप करें।
विशेष मंत्र और उपाय
सोमवार को विशेष मंत्रों का जाप करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप जीवन की कठिनाइयों को दूर करता है। ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप इच्छाओं की पूर्ति करता है। विवाह में बाधा दूर करने के लिए शिव की नियमित पूजा करें। करियर में उन्नति के लिए शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें। चंद्र दोष से मुक्ति के लिए रात्रि में चंद्रमा को दूध से अर्घ्य दें। इस प्रकार, सोमवार की पूजा और व्रत जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाते हैं।
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