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Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी कब है? इस व्रत से हर क्षेत्र में मिलेगी विजय, जानें शुभ तिथि और पूजन विधि

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कब मनाई जाएगी विजया एकादशी 2025? जानें शुभ तिथि और मुहूर्त

Bharti Sharma
Written by: Bharti Sharma - Sub Editor
4 Min Read

Vijaya Ekadashi 2025: विजया एकादशी सनातन धर्म में एक अत्यंत पुण्यदायी तिथि मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उपासना करने से साधक के जीवन की सभी परेशानियां समाप्त होती हैं और उसे हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। इस बार विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी 2025 रखा जाएगा।

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विजया एकादशी 2025 तिथि:

आरंभ: 23 फरवरी 2025, दोपहर 01:55 बजे
समाप्ति: 24 फरवरी 2025, दोपहर 01:44 बजे
व्रत एवं पूजन तिथि: 24 फरवरी 2025 (सूर्योदय के अनुसार)

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विजया एकादशी का महत्व: क्यों है यह दिन इतना खास?

शास्त्रों में वर्णित है, कि इस व्रत को करने से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं। राजा-महाराजा भी युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए इस व्रत का पालन करते थे। इस व्रत के प्रभाव से जीवन में शुभता और मंगल का संचार होता है। हर कार्य में सफलता मिलती है। पापों का नाश होता है। जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

विजया एकादशी पर बनने वाले शुभ योग

इस वर्ष विजया एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जो इसे और भी फलदायी बनाते हैं।

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सिद्धि योग – इस योग में किए गए कार्य सिद्धि प्राप्त करते हैं।
शिववास योग – भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय।
पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र संयोग – इन नक्षत्रों में की गई पूजा विशेष फलदायी होती है।

विजया एकादशी व्रत एवं पूजन विधि

  • प्रातःकाल जल्दी उठकर गंगाजल युक्त जल से स्नान करें।
  • स्नान के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान करें। व्रत का संकल्प लें।
  • पीले वस्त्र धारण कर संकल्प लें कि पूरे विधि-विधान से व्रत करेंगे।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
  • पंचोपचार या षोडशोपचार विधि से भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • तुलसी पत्र, चंदन, धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित करें।

श्री हरि के समक्ष दीपक जलाकर श्री विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र या श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करें। रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन करें। इस दिन रात्रि जागरण करने से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के भजन गाएं और कीर्तन करें। दान-पुण्य करें। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और श्री विष्णु का प्रसाद वितरित करें। अगले दिन द्वादशी तिथि को व्रत का विधिपूर्वक पारण करें। ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद स्वयं फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें।

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विशेष उपाय: जीवन में सफलता के लिए क्या करें?

  • इस दिन भगवान विष्णु को पीले पुष्प और पीले फल अर्पित करें।
  • संध्या के समय तुलसी के समीप दीपक जलाएं।
  • जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अन्नदान करें।
  • भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का जाप करें।

इस विजया एकादशी पर पाएं हर क्षेत्र में विजय और सुख-समृद्धि

विजया एकादशी व्रत न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है बल्कि जीवन में सफलता और समृद्धि भी लाता है। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु की पूजा कर व्रत करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

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Bharti Sharma
Sub Editor
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भारती शर्मा पिछले कुछ सालों से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अपने कार्य क्षेत्र रहते हुए उन्होंने धर्म-कर्म, पंचांग, ज्योतिष, राशिफल, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा व समुद्र शास्त्र जैसे विषयों पर लेखन किया हैं। इसके अलावा उनको लोकल और ग्राउंड रिपोर्टिंग का भी अनुभव हैं। फिलहाल भारती शर्मा 89.6 एफएम सीकर में आरजे की पद संभालते हुए सीकर अपडेट शो का संचालन करती हैं और बतौर ज्योतिष शास्त्र लेखन कर रही हैं।

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