Neem Ka Thana News: राजस्थान में 9 जिलों और 3 संभागों के निरस्तीकरण का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस विधायक रामकेश मीणा द्वारा गंगापुर सिटी से जिले का दर्जा समाप्त करने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) में याचिका दाखिल करने के बाद अब पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल ने भी नीमकाथाना से जिले का दर्जा समाप्त करने को लेकर कोर्ट का रुख किया है।
खंडेलवाल का आरोप है कि नीमकाथाना जिला बनने के सभी मानदंडों को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि यह फैसला क्षेत्रीय जनभावनाओं और प्रशासनिक मजबूती को ध्यान में रखकर पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन वर्तमान सरकार ने राजनीतिक द्वेष के चलते इसे निरस्त कर दिया।
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नीम का थाना: दशकों पुरानी मांग और निराशा
पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल का कहना है कि पिछले तीन से चार दशकों से नीम का थाना को जिला बनाए जाने की मांग चल रही थी। पूर्ववर्ती सरकार ने इस मांग को स्वीकार करते हुए आईएएस अधिकारी रामलुभाया की कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर नीम का थाना को जिला घोषित किया था। यह फैसला जनभावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया था।
हालांकि, मौजूदा सरकार ने सत्ता में आते ही इस निर्णय को पलट दिया। खंडेलवाल का कहना है कि यह कदम क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है।
राजनीतिक द्वेषता के आरोप
खंडेलवाल और अन्य जनप्रतिनिधियों ने सरकार पर राजनीतिक द्वेष का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि जिन जिलों और संभागों को निरस्त किया गया है, उनमें से अधिकांश भाजपा शासित क्षेत्रों में आते हैं। लोगों का यह भी कहना है कि सरकार ने राजनीतिक कारणों से ऐसा किया है।
खंडेलवाल ने कहा
खंडेलवाल ने कहा कि क्षेत्र के लोग और जनप्रतिनिधि इस मामले में चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा, “हम सरकार के इस अन्यायपूर्ण निर्णय के खिलाफ संघर्ष करेंगे। चाहे हमें आंदोलन करना पड़े या कोर्ट में अपनी बात रखनी पड़े, हम नीम का थाना का जिला दर्जा वापस लेकर ही दम लेंगे।” उन्होंने भाजपा विधायक शुभकरण चौधरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मुद्दे पर उनकी चुप्पी समझ से परे है।